समाचार विश्लेषण/हाथ से हाथ न मिला, हाथ दिखा
-*कमलेश भारतीय
यह काग्रेस है भाई । यहां ऐसा ही चलता आ रहा है और ऐसा ही चलता रहेगा । चाहे भारत जोड़ो यात्रा आ जाये या फिर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान ! हम नहीं सुधरेंगे । जैसे हैं वैसे ही रहेंगे ! अब समाचार यह है कि पूर्व मंत्री रोहतक जाती हैं और एक अन्य पूर्व मंत्री के घर मीडिया से रूबरू होती हैं । वे कहती हैं कि कोई मुझे भिवानी आकर न्यौता घाल जाये तो मैं रोहतक आकर जवाब तो दे ही सकती हूं । हिसार आई थीं भागते भागते तब भी यही कहा था कि मेरे बिना आपकी खबर नहीं बनती । मेरे कांग्रेस छोडकर जाने या कांग्रेस में बनी रहने पर सवाल पूछे बिना आप लोगों को चैन कहां ? मैं कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाने वाली ! वैसे कुछ लोग चाहते हैं कि मैं कांग्रेस छोड़कर चली जाऊं तो उनका मैदान साफ हो जाये ! वैसे कांग्रेस में इसे कहते हैं कि कांटा निकालना ! तो यह नहीं होने वाला ! वैसे कांटे निकालने की बात जींद के उपचुनाव में भी उठी थी जब नरवाना में यही चर्चा विरोधी करते रहे कि कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही बल्कि कांटा निकाल रही है और वह कांटा ऐसा निकला कि राजस्थान जाकर ही दम लिया । तो यह कांग्रेस अब हाथ नहीं जोड़ रही बल्कि एक दूसरे को हाथ दिखा रही है । यह है नया अभियान ! हाथ से हाथ जोड़ रहे हैं या हाथ दिखा रहे हैं ! यह सोचने की बात है । भारत जोड़ो यात्रा में भी होड़ सी लगी रही एक दूसरे को पीछे रखने की और अपने अपने खास लोगों को राहुल के साथ दिखाने की ! फोटोज करवाने की ! यात्रा के पीछे की बात बहुत खतरनाक रही ।
आप देखो न कि राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैसे उनके दायें बायें कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे जैसे राम लगन की जोड़ी हो ! लेकिन अब देखो यात्रा के बाद कैसे अलग अलग हो गये । भ्रष्टाचार का मुद्दा कांग्रेस के अंदर नहीं , बाहर उठा रहे हैं । यह इतना छोटा सा सबक कांग्रेसियों को अभी तक किसी ने नहीं सिखाया कि भाई घर की बात घर में ही करनी चाहिए । पर नहीं जो मजा मीडिया के सामने उठाने का है , वह घर के अंदर उठाने में कहां ! इस तरह हाथ दिखा दिये मुख्यमंत्री को ! यह सिलसिला जारी रहा तो हरियाणा और राजस्थान में कांग्रेस को मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं । अपनी आसान सी जीत को संघर्षमय बना रहे हैं कांग्रेसी ! दक्षिण हरियाणा में भी कुछ और खिचड़ी पकती रहती है । एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ सी लगी रहती है । उत्तर जाओ या दक्षिण हरियाणा कोई फर्क नही । सब तरफ एक जैसा माहौल ! इस माहौल को बदलने की जरूरत है । अरे कोई तो बताओ कांग्रेस हाईकमान को ! ये हैं हाथ दिखा रहे हैं न कि हाथ मिला रहे हैं !
-,*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।