समाचार विश्लेषण/कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा चन्नी और प्रदर्शनी घोड़ा नवजोत सिद्धू 

समाचार विश्लेषण/कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा चन्नी और प्रदर्शनी घोड़ा नवजोत सिद्धू 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
फिर हो गयी कमाल । कांग्रेस का पंजाब में मुख्यमंत्री चेहरा इस समय मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ही होंगे । यह घोषणा कर दी गयी है अंर जैसा कि नवजोत सिंह सिद्धू को आशंका थी कि उन्हें चेहरा घोषित नहीं किया जायेगा , वे सिर्फ प्रदर्शनी घोड़ा ही बन कर रह जायेंगे और ऐसा ही हुआ । उनकी आशंका सच साबित हुई । कांग्रेस के युवराज व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कल ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इन दोनों नेताओं के साथ लंगर छकते दिखाई दिये थे और दोनों नेता उनके अगल बगल बैठे थे । राहुल गांधी ने कहा था कि वैसे तो कांग्रेस चुनाव में घोषणा नहीं करती लेकिन यदि आपको लगता है कि चेहरा दिखाने से चुनाव में लाभ होगा तो चेहरा घोषित कर दिया जायेगा और आज ही यह शुभ काम हो गया ।
अब सवाल उठता है कि क्या नवजोत सिद्धू इसे हजम कर पायेंगे ? मुख्यमंत्री बनने के लिए जिस शख्स ने कांग्रेस में इतने उलटफेर करवाये और फिर भी प्रदर्शनी घोड़ा बन कर रह गये सिद्धू । अब आप पार्टी में भी जाने का मौका को चुके हैं क्योंकि आप पार्टी पहले ही आम राय से भगवंत मान पर दांव लगा चुकी है । भाजपा में भी इनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकेगी क्योंकि वहां पहले से ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह बैठे हैं । वहां भी नो एंट्री है सिद्धू के लिए । अब स्थिति यह हो गयी कि सिद्धू जाएं तो जाएं कहां ? 
कांग्रेस ने आजकल कसम दिलानी शुरू कल रखी है । राहुल गांधी अमृतसर में भी शपथ दिले कर गये हैं कि दो तो बन नहीं सकते । एक हो बनेगा और दूसरा उसकी मदद करेगा लेकिन यह शपथ कोई असर दिखायेगी? सिद्धू के स्वभाव को देखकर ऐसा लगता नहीं कि वे इसे इतनी आसानी से पचा जायेंगे । कैप्टन अमरेंद्र सिंह सही कहते हैं कि सिद्धू अस्थिर स्वभाव वाला व्यक्ति है और यह कब क्या फैसला करे , कह।नहीं सकते । अब गेंद सिद्धू के पाले मे है और चन्नी को यदि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न करते तो एक बड़ा वर्ग चन्नी को प्रदर्शनी घोड़ा बनाये जाने का आरोप लगाता । इस वर्ग की नाराजगी सहने की हिम्मत कांग्रेस में बची नहीं । एक को तो प्रदर्शनी घोड़ा बनना ही था और यह सिद्धू की किस्मत में लिखा था । अब किधर जायेंगे सिद्धू जी ? बड़बोलेपन ने मार दिया । चन्नी पर हावी होने और अपने पंजाब की खुद ही तस्वीर खींचने , बिना हाईकमान से सलाह किये प्रत्याशी घोषित करने के चलते हाईकमान को लगा कि यदि सिद्धू को अब न रोका तो बाद में रोकना मुश्किल हो जायेगा तो प्रदर्शनी घोड़े पर लगाम लगा ही दी ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।