समाचार विश्लेषण/कांग्रेस एक समंदर: कोई बाहर, कोई अंदर
-कमलेश भारतीय
यह मुहावरा बड़ा आम है कांग्रेस में । जब से होश संभाला तब से सुनने और पढ़ने को मिल रहा है । पत्रकारिता में भी जब जब कांग्रेस नेताओं से फूट या गुटबाजी पर सवाल पूछो तो यही रटा रटाया जवाब मिलता है -कांग्रेस एक समंदर है । इसमें ऐसी घटनाएं , उथल पुथल होती रहती हैं और कोई फर्क नहीं पड़ता । यह आम बात है और अब भी इसी मुहावरे का उपयोग हरियाणा कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष सैलजा ने किया जब उनके विरूद्ध 19 विधायक कांग्रेस प्रभारी से मिलने गये संगठन न बनाने को लेकर । दूसरे दिन ही सैलजा का जवाब-कांग्रेस एक समंदर है । इसमें सबको सब कुछ करने और कहने का अधिकार है । फिर वे स्वयं भी दिल्ली गयीं और अपनी बात रखी । फिलहाल ऐसा बयान आया है वेणु गोपाल की ओर से कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में बदलाव की कोई जरूरत नहीं और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन पर ध्यान देने की ओर कुछ करने की जरूरत है ।
असल में कांग्रेस को हर राज्य में गुटबाजी की दीमक लगी हुई है जो इसे खोखला किये जा रही है । सैलजा कहीं दूसरे लोगों की संगठन में उपेक्षा न कर दे , इसलिए यह दवाब बनाया गया । ऐसा मेरा अनुमान है। यह गुटबाजी ही है जो इतने वर्ष तक अध्यक्ष बनने पर भी संगठन को नया नहीं बना सकीं । पर कहा यही जाता है कि हम सब एक हैं और कांग्रेस एक समंदर है ।।यहां इतनी लहरें तो उठती रहती हैं और कांग्रेस हाईकमान किनारे बैठ इनका लुत्फ़ लेती रहती है । प॔जाब में नवजोत सिद्धू की लहर को खुद प्रियंका ही मज़े से उछालती नज़र आ रही है । चुनाव सिर पर हैं और फूट जारी है । फूट को खत्म करने की कोई कोशिशें भी नहीं दिखतीं । इसी गुटबाजी ने तो मार रखा है । मध्य प्रदेश में भी अमरनाथ और दिग्विजय की जोड़ी ने ज्योतिरादित्य को दूर कर दिया । राजस्थान मे सचिन पायलट भी पर तोल रहे हैं । कब उड़ जायेगा यह पंछी कह नहीं सकते । यूपी में जितिन प्रसाद ने उड़ने में देर नहीं लगाई । कांग्रेस एक समंदर । कोई बाहर तो कोई अंदर ...