कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कर संविधान को बार-बार नुकसान पहुंचाया: सुरेंद्र पूनिया 

आपातकाल की बरसी पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया। 

कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कर संविधान को बार-बार नुकसान पहुंचाया: सुरेंद्र पूनिया 

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया ने कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या करने और संविधान को बार-बार नुकसान पहुंचाने का पाप किया है। आपातकाल को भारत के लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए सुरेंद्र पूनिया ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाकर नागरिकों को मूलभूत अधिकारों से वंचित किया था। बिना अपराध किए और बिना कोई गलती किए 1 लाख 40 हजार लोगों को कांग्रेस की सरकार ने जेलों में ठूंस-ठूंस कर भर दिया। 

अवसर था मंगलवार को स्थानीय श्री लालनाथ हिन्दू कॉलेज में आपातकाल की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम का। इस मौके पर पूनिया ने लोकतंत्र सेनानियों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम को लोकतंत्र सेनानी संगठन के अध्यक्ष सतीश कत्याल, रोहतक के पूर्व मेयर मनमोहन गोयल, डॉ मदन लाल गोयल ने भी संबोधित किया।

प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया ने कहा कि 1971 के चुनाव में राजनारायण ने इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। चुनाव में धांधली के कारण राजनारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में यचिका दायर की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जयनारायण को विजयी घोषित किया और इंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर दिया। इंदिरा गांधी को लगा अब सत्ता खिसकने वाली है तो रातों रात देश पर आपातकाल थोप दिया गया। 

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद संविधान का दुरुपयोग करते हुए तमाम अधिकारों को समाप्त कर दिया गया। 1977 तक पूरे देश को सामान्य अधिकारों से वंचित रखने का पाप अगर किसी ने किया है तो कांग्रेस ने किया है। 

पूनिया ने कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने 75 बार संविधान में संशोधन किया। धारा 356 के माध्यम से चुनी गई सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने वाली भी कांग्रेस है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 90 बार चुनी गई राज्य सरकारों को बर्खास्त किया है।

इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए थोपा था आपातकाल: सतीश कत्याल
लोकतंत्र सेनानी संगठन के अध्यक्ष सतीश कत्याल ने आपातकाल के जुल्म और सितम की कहानी बताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए 25 जून 1975 की भयानक और काली रात को देश पर आपातकाल थोप दिया था। समाचार पत्रों पर सेंसर लगा दिया और बिजली काट दी गई। कांग्रेस की तानाशाही ने पूरे देश में भय का माहौल बना दिया था। लोगों को बिना वजह से जेलों में भर दिया गया। 
सतीश कत्याल ने कहा कि संविधान की आत्मा जानता के मौलिक अधिकारों को खत्म कर लोगों को यातनाएं दी गई। कांग्रेस की अघोषित तानाशाही का विरोध करने पर घोर यातनाएं दी गई। आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 
उन्होंने भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार ने लोकतंत्र की रक्षा करने वालों को लोकतंत्र सेनानी का नाम दिया और पेंशन देकर मान सम्मान दिया है। 
इस दौरान पूर्व विधायक सरिता नारायण, जिला कोषाध्यक्ष सतीश आहुजा, हरीश कौशिक, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, शकुन्तला कत्याल, डॉ समिधा कत्याल, निपुण कत्याल, हरिओम मित्तल भाली, सहित भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।