समाचार विश्लेषण/दूर दूर तक कांग्रेस नहीं दिखती
-*कमलेश भारतीय
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आ रहे हैं और उनमें किसी भी राज्य में कांग्रेस दूर दूर तक सत्ता में आती नहीं दिख रही । पंजाब जैसे राज्य में जहां छह माह पहले कांग्रेस में ऐसी उठक पटक शुरू हुई कि खुद ही कांग्रेस नेताओं ने अपनी सरकार का बंटाधार कर दिया । नवजोत सिद्धू और कैप्टन अमरेंद्र सिंह के बीच हुई सत्ता की चौधर ने अचानक चन्नी की लाॅटरी तो निकल दी लेकिन वे जननेता न बन पाये और हास्य अभिनेता भगवंत मान बाजी मार ले गया । आप के प्रभारी राघव चड्डा ने सही चुटकी लेते कहा कि हमने तो झाडू लगाने को कहा था पंजाब के लोगों ने तो वैक्यूम क्लीनर ही चला दिया । इतने भारी बहुमत की उम्मीद तो आप के केजरीवाल ने भी नहीं की होगी । कांग्रेस की इसी गुटबाजी में उत्तराखंड भी हाथ से निकल गया । हरीश रावत को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित न किया जाना बहुत घातक साबित हुआ । वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की उपेक्षा करना भारी पड़ गया । चाहे पंजाब हो या उत्तराखंड हो।
उत्तर प्रदेश में भाजपा फिर से बहुमत के साथ आ रही है । समाजवादी पार्टी की स्थिति तो अच्छी हुई लेकिन बसपा व कांग्रेस तो दस का आंकड़ा भी छू नहीं पाई । पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की हार भी एक सबक है कि आप इतने बड़े नहीं कि उसकी भावनाओं को समझने की बजाय मनमानी करते रहें । भाजपा के साथ गठबंधन करते ही जनता की सहानुभूति खो दी । यह एक सबक है । मणिपुर और गोवा में भी कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन न कर सकी ।
एक बड़ी बात यह हुई पंजाब के चुनाव में कि बाबा मैजिक नहीं चला । भाजपा की यह चाल भी बेकार रही । इस फैसले के लिए पंजाब की जनता बधाई की हकदार है । इसके बावजूद किसान आंदोलन की छाया का कोई असर देखने को नहीं मिला । चढूनी ने तो सीधे चुनाव लड़कर भी कुछ न पाया । किसान आंदोलन और टिकैत उत्तर प्रदेश में कोई रंग न दिखा पाये । यहां तक कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी नहीं । राम मंदिर के निर्माण के शुरू होने का फायदा जरूर भाजपा को मिलता दिखाई दिया ।
इस सब परिणामों के बीच कांग्रेस को सन् 2024 के बारे में गंभीर मंचन करना होगा । नहीं तो एक सौ पैंतीस साल पुरानी पार्टी का अस्तित्व खतरे में दिख रहा है ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।