समाचार विश्लेषण/कांग्रेस को मंथन चिंतन की जरूरत
-*कमलेश भारतीय
जी 23 समूह के एक और सदस्य व पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया । लगभग चार दशक से ऊपर समय तक कांग्रेस में रहने के बाद वे यह कह कर इस्तीफा दे गये कि अब कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही । अब इससे किनारा करना ही बेहतर है । असल में जी 23 समूह असंतुष्ट व वरिष्ठ कांग्रेसजनों का समूह है जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री व अनेक पदों पर शोभायमान रहे गुलाम नबी आजाद कर रहे हैं । हालांकि अब इसमें 23 नेता रह भी नहीं गये । जितिन प्रसाद और अश्विनी कुमार बाहर हो चुके हैं । अश्विनी कुमार ने ऐन पंजाब विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया है । यानी कांग्रेस के अंदर और बाहर कांग्रेस को कमज़ोर करने की हर कोशिश ये नेता करते हैं । राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा ने भी राज्यसभा में कहा कि यह संभवतः आखिरी संबोधन होगा । इससे पहले गुलाम नबी आजाद भी राज्यसभा से विदा क्या हुए , बस कांग्रेस के अंदर ही जी 23 समूह बना लिया जिसका काम कांग्रेस की आलोचना के सिवाय कुछ नहीं ।
कांग्रेस हाईकमान ने भी जी 23 की सेवाओं को देखते हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस नेताओं को स्टार प्रचारक की सूचियों से बाहर कर दिया । अब पंजाब के आनंदपुर साहब में मनीष तिवारी इस समूह के अश्विनी कुमार के इस्तीफे पर चिन्ता व्यक्त करते कह रहे हैं कि मैं यह रास्ता नहीं अपनाऊंगा । हालांकि कांग्रेस को मंथन की जरूरत है । पहले आर एन सिंह गये , जितिन प्रसाद गये । सुष्मिता देव गयीं । कितने लोग यह कहते चले गये कि कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही ।
कांग्रेस में स्थायी अध्यक्ष की मांग को लेकर पहले इन नेताओं ने चिट्ठी युद्ध शुरू किया था । फिर सीधे सीधे कांग्रेस हाईकमान पर हमले शुरू किये । कैप्टन अमरेंद्र सिंह तो यह कह गये कि राहुल और प्रियंका अभी बच्चे हैं । प्रियंका के सामने ही चन्नी महोदय यह कह गये कि यूपी , बिहार के 'भईया' लोगों को पंजाब पर राज नहीं करने देंगे । सफाई देते कहा कि आप पार्टी के लोगों के लिए कहा । अरे , सामान्य ज्ञान तो ठीक कर लो चन्नी महाशय । अरविंद केजरीवाल तो हरियाणा के हैं और वह कहीं का भी हो पर ऐसा कहना क्या शोभा देता है ? इस पर कांग्रेस बुरी तरह घिर गयी है और प्रियंका सुन कर भी चुप क्यों रह गयी ? तभी प्रतिवाद करना था । इसीलिए बहुत मंथन की जरूरत है कांग्रेस को ।
वैसे बासी कढ़ी में उबाल तो प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने लाने की कोशिश की है यह कह कर कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे और जब कहा कि वह तो अलग तरह की सोच का प्रदेश है तो कहने लगे फिर क्या हुआ ? एक नये देश का प्रधानमंत्री बन जाऊंगा । यह बयान कितना नुकसान पहुंचायेगा आप को ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष , हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।