समाचार विश्लेषण/कांग्रेस: नये अध्यक्ष की खोज
कांग्रेस की ओर से प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने एक किताब जेल के अंदर ही लिखी थी -भारत की खोज । आज देखिए देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी को नये अध्यक्ष की खोज है । वह भी गांधी परिवार से बाहर ! वैसे कांग्रेसजन तो अभी तक गांधी परिवार की ओर बड़ी आशा भरी नजरों से देख रहे हैं और राहुल गांधी को मनाने में लगे हैं ।
-*कमलेश भारतीय
कांग्रेस की ओर से प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने एक किताब जेल के अंदर ही लिखी थी -भारत की खोज । आज देखिए देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी को नये अध्यक्ष की खोज है । वह भी गांधी परिवार से बाहर ! वैसे कांग्रेसजन तो अभी तक गांधी परिवार की ओर बड़ी आशा भरी नजरों से देख रहे हैं और राहुल गांधी को मनाने में लगे हैं । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी चंडीगढ़ में बैठक बुला कर प्रस्ताव पारित करवाया कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से बिना चुनाव के अध्यक्ष बनाया जाये । दूसरे राज्य भी ऐसे प्रस्ताव ला रहे हैं लेकिन राहुल गांधी पता नहीं किस मिट्टी के बने हैं कि टस से मस नहीं हो रहे हैं । भारत जोड़ो यात्रा के बीच ऐसा कहा जा रहा है कि वे एक दिन दिल्ली आयेंगे । इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनाये जाने के चर्चे भी जोरों पर हैं और वे कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली आए भी और कहा कि सोनिया गांधी जो भी आदेश देंगी उसका पालन करूंगा । इसी प्रकार शशि थरूर भी अध्यक्ष पद की तैयारियों में जुटे हैं । जो आमतौर पर कांग्रेस को संकट में डालते रहते हैं । कभी अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के रहस्यमयी मृत्यु के चलते वे खूब सुर्खियों में रहे । अभी तक वह गुत्थी सुलझी नहीं है । कभी संसद के बाहर महिला सांसदों के साथ फोटो पर ट्वीट करने पर चर्चा में आये । इस तरह अध्यक्ष पद के लिए जो मिस्टर क्लीन की छवि चाहिए वह शशि थरूर में नहीं दिख रही पर चुनाव लड़ने का मौलिक अधिकार है । वैसे शशि थरूर एक बुद्धिजीवी राजनेता हैं और राजनयिक भी रहे हैं । कोई भी लड़ने को स्वतंत्र है । अशोक गहलोत गांधी परिवार के निकट हैं । राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं और अनेक पदों पर रह चुके हैं । खासा अनुभव है इनके पास । कहा जा रहा है कि यदि शशि थरूर चुनाव में उतरते है तो बाइस साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होगा । इससे पहले जितिन प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और बुरी तरह पराजित हुए थे । अब तो वे भाजपा की आंखों के तारे हैं ।
राहुल गांधी एक बार अध्यक्ष रह चुके और कुछ सफलता भी मिली लेकिन वे वरिष्ठ कांग्रेसजनों से उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट के बंटवारे पर काफी विरोध सहना पड़ा और चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना ही बेहतर समझा । टिकटों के लिए अशोक गहलोत , कमलनाथ और चिदम्बरम अपने ही बेटोथ को दबाब बना कर उन्हें राजनीति में लाने को अड़े हुए थे । अब इसीलिए राहुल किसी भी हालत में तैयार नहीं हो रहे । राहुल गांधी ने एक ड्रीम टीम बनाई थी जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया , जितिन प्रसाद , दीपेंद्र हुड्डा, सचिन पायलट, नवीन जिंदल आदि शामिल थे । युवाओं की टीम । भविष्य की टीम । भविष्य की कांग्रेस! लेकिन जब राजस्थान और मध्यप्रदेश में सिंधिया और पायलट को कमान न मिली तब युवा नेता निराश हो गये और सिंधिया तो कांग्रेस ही छोड़कर चले गये जबकि आज भी सचिन पायलट संतुष्ट नहीं हैं । जितिन प्रसाद भी छोड़कर चले गये । इस तरह ड्रीम टीम बीकर गयी और शायद वरिष्ठ नेताओं से राहुल का मन भी बुझ सा गया । नवीन जिंदल ने कुरूक्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा ।
अभी कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा में वे कांग्रेस को संजीवनी प्रदान करने की कोशिश में हैं और भाजपा इन पर लगातार हमले कर रही है । वरिष्ठ नेता अभी भी आगे नहीं आ रहे ।
देखिए ! सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस को कौन सा नेता अध्यक्ष के रूप में मिलता है ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।