स्वयंसेवकों का योगदान विकसित भारत @ 2047 के संकल्प को मजबूत करता हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
गांव शिकारपुर में आयोजित एनएसएस शिविर सम्पन्न, समीर व अनीशा बने श्रेष्ठ स्वयंसेवक ।

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि युवा स्वयंसेवक ग्रामीण समाज के बीच जाकर जब दूसरों की मदद करते हैं, तो वे स्वयं को भी व्यावहारिक रूप से जीवन की वास्तविकताओं से जोड़ते हैं। सेवा का यह भाव उन्हें सहानुभूति, नेतृत्व क्षमता और सामुदायिक विकास की गहरी समझ प्रदान करता है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में स्वयंसेवकों का योगदान भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को और अधिक मजबूत करता है। प्रो. नरसी राम बिश्नोई एनएसएस इकाई के सौजन्य से गांव शिकारपुर में 'विकसित गांव - विकसित भारत @ 2047' विषय पर सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई व गुजवि की प्रथम महिला डा. वंदना बिश्नोई इस शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि स्वयंसेवक गांव में जाकर समाज की समस्याओं को पहचान कर उनका समाधान निकालने का प्रयास करते हैं तथा भारत को सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का कार्य करते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि यह सेवा भाव केवल एनएसएस शिविर तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
डा. वंदना बिश्नोई ने कहा कि एनएसएस का मुख्य उद्देश्य ही 'स्वयं से पहले आप' है। वर्तमान भौतिकवादी युग में केवल जीवन जीना ही चुनौती नहीं है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को बनाए रखना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है। इस तरह के शिविर से साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, प्रेम की भावना जागृत होती है, शारीरिक व मानसिक शक्ति में सुधार होता है तथा नई व्यावसायिक संभावनाओं का प्रदर्शन होता है। उन्होंने स्वयंसेवकों द्वारा बनाए गए मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों को सृजनात्मक बनाती है।
कार्यक्रम अध्यक्ष एवं एनएसएस समन्वयक डॉ अंजू गुप्ता ने बताया कि इस दौरान शिविर के श्रेष्ठ प्रतिभागी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। बेस्ट टीम का खिताब टीम-5 राखीगढ़ी को मिला। श्रेष्ठ स्वयंसेवक समीर और अनीशा रहे। समापन समारोह में स्वयंसेवकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से कई सामाजिक कुरीतियों जैसे कि लिंग असमानता, तम्बाकू के दुष्प्रभाव एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान एनटीसीपी नोडल अधिकारी डा. सचिन और डिप्टी सिविल सर्जन डा. विकास पुरी ने स्वयंसेवकों को धूम्रपान, तम्बाकू आदि से होने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराया तथा इसससे होने वाली गंभीर बीमारियों से बचने के उपाय बताए।