'महाभारत' के युधिष्ठिर फेम कलाकार व सुपवा के कुलपति से बातचीत
हरियाणा का हर आदमी कलाकार , सुपवा को ब्रांडिंग की जरूरत: गजेंद्र चौहान
-कमलेश भारतीय
हरियाणा का हर आदमी कलाकार है , हाजिरजवाब है और यहां फिल्म निर्माण का भविष्य उज्जवल है । यह कहना है लोकप्रिय धारावाहिक 'महाभारत' के युधिष्ठिर फेम रोल करने वाले व रोहतक स्थित सुपवा के कुलपति गजेंद्र चौहान का । वैसे तो एक बार पहले भी हमारी मुलाकात महर्षि दयानंद विश्विद्यालय के छात्र कल्याण निदेशक व हास्य कलाकार जगबीर राठी के माध्यम से युवा समारोह में हो चुकी लेकिन मजेदार बात कि इस बार भी जगबीर राठी ही माध्यम बने हमारी मुलाकात के , जो फोन पर ही हुई । मूलतः सोनीपत के निकट गांव राड़ेधन निवासी गजेंद्र चौहान के पिता दिल्ली शिफ्ट हो गये थे जिसके चलते दिल्ली में ही पढ़ाई हुई । बीएससी करने के बाद रेडियोग्राफी का डिप्लोमा किया ।
-पहली जाॅब कहां ?
-एम्स में रेडियोग्राफर रहा लेकिन रूचि अभिनय में रही । काॅलेज के दिनों में श्रवण कुमार के रोल में चर्चा में रहा । इसलिए मुम्बई पहुंचा और रोशन तनेजा के एक्टर्ज स्टूडियो में दाखिला ले लिया । मेरे सहपाठियों में गोविंदा , चंकी पांडे , आदित्य पंचोली और संगीतकार निखिल विनय भी रहे ।
-मुम्बई में शुरूआती रोल ?
-राजश्री प्रोडक्शन के पेइंग गेस्ट में और फिर दूरदर्शन में महाभारत से पहले कम से कम पच्चीस धारावाहिकों में अलग अलग रोल निभाये । इन धारावाहिकों में एयरहोस्टेस , अदालत , बहादुर शाह जफर , मनोहर कहानियां , रजनी , दर्पण आदि धारावाहिक शामिल थे । मैंने लगभग 95 'प्रतिशत रोल दूरदर्शन के धारावाहिकों में ही किये हैं ।
-महाभारत के युधिष्ठिर का रोल कैसे मिला ?
-विज्ञापन निकला था । मैं कृष्ण की भूमिका करने का इच्छुक था । मेरे और नितीश भारद्वाज में सिर्फ एक वोट की कमी रह गयी । फिर बलराम का रोल दिया गया लेकिन मैं खुश नहीं था इस रोल से । तब युधिष्ठिर का रोल दिया गया यह कह कर कि यह रोल भी कृष्ण के रोल के बराबर महत्त्वपूर्ण है । इसे निभाने के लिए लेखक राही मासूम रजा , नरेंद्र शर्मा और रवि चोपड़ा ने बहुत स्पोर्ट किया । मुझे इस रोल में बहुत सराहना मिली और युधिष्ठिर के रूप में पहचान बनी ।
-किन फिल्मों में काम किया ?
-बाॅबी द्योल की बरसात , अंदाज में लारा दत्ता के पिता का रोल सहित अनेक फिल्में कीं ।
-बागवान में भी तो थे आप ।
-जी । सिर्फ एक ही सीन में । पहले मुझे बैंक मैनेजर का रोल दिया गया लेकिन अमिताभ बच्चन ने कहा कि ये मेरे बाॅस लगते ही नहीं । फिर प्रकाशक का रोल और आखिरकार रवि चोपड़ा ने इस एक सीन के लिए बुलाया । फिर मेरी कुछ डेट्स प्राब्लम भी रही । लेकिन मैं उन्हें इंकार नहीं कर सकता था लेकिन वह एक ही सीन फिल्म का टर्निंग प्वाइंट था जब अमिताभ बच्चन से सलमान खान मिलते है यानी अपने बाबू जी से मिल पाते हैं ।
-भाजपा में कब ज्वाइन किया ?
-सन् 2004 में । अटल विहारी वाजपेयीजी के आदेश पर । राष्ट्रीय समिति में । फिर सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सम्मानपूर्वक शामिल किया और फिर छह साल इसमें रहा । फिर पुणे के फिल्म संस्थान में तीन वर्ष तक चेयरमैन और अब हरियाणा की सुपवा के कुलपति पद पर ।
-क्या सपना लेकर आए हैं सुपवा के लिए ?
-देखिए हरियाणा में हर आदमी कलाकार है , हाजिरजवाब है । सुपवा को बस एक ब्रांडिंग की जरूरत है । इसमें शाॅर्ट टर्म कोर्सिज शुरू करूंगा और पीएचडी कोर्स भी शुरू होगा । इसको लेकर हरियाणा भर में जाऊंगा । असल में इस संस्थान में अभी तक फिल्म वाला कोई आया ही नहीं ।
-हरियाणवी फिल्मों के बारे में क्या कहेंगे ?
-हरियाणवी को हिंदी फिल्मों में तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया जाता है । हरियाणवी फिल्मों के लिए कुछ मशहूर कलाकारों सहित सभी कलाकार जागरूक हैं -यशपाल शर्मा , राजकुमार राव और जगदीप अहलावत सहित अनेक कलाकार । फिल्मसिटी बनाने की सरकार की योजना है । इसलिए हरियाणवी फिल्मों का भविष्य उज्जवल है ।
-अनेक पुरस्कार मिले होंगे । कुछ महत्त्वपूर्ण पुरस्कारों के बारे में बताइए ।
-फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा लीजंड पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार , कलाश्री अवाॅर्ड , आइकाॅनिक अवाॅर्ड और अभी घोषित हुआ है -रवा राजपूत रत्न अवाॅर्ड । इनके समेत अनेक पुरस्कार/सम्मान ।
-लक्ष्य ?
-महाभारत में राजा की व्याख्या है । राजा के बारे में कहा गया है कि राष्ट्रधर्म में विश्वास रखे और हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम देश , धर्म व राष्ट्र के लिए कुछ कर सकें । यही मेरी इच्छा , यही मेरा लक्ष्य ।
हमारी शुभकामनाएं गजेंद्र चौहान को ।