अपने सपनों को टाइमलाइन के साथ लक्ष्य में परिवर्तित कर कड़ी मेहनत से लक्ष्य प्राप्त करेः कर्नल युवराज मलिक
इंडक्शन प्रोग्राम के दूसरे दिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की मनमोहक छटा बिखरी।
रोहतक, गिरीश सैनी। भारतीय ज्ञान परंपरा और समृद्ध मूल्य परंपरा पूरे विश्व में भारत को वैश्विक गुरु का दर्जा प्रदान करती है। भारत का युवा जीवन में मूल्यों- संस्कारों को शामिल कर, कौशल युक्त होकर तथा ज्ञान की सुदृढ़ नींव पर कैरियर तथा जीवन में सफलता का रास्ता तय कर सकता है। जरूरत है कि विद्यार्थी अध्ययनशील बनें, समय का उचित प्रबंधन करें तथा समग्र व्यक्तित्व विकास का प्रयास करें। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में संचालित चार दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम में वीरवार को दूसरे दिन प्रेरणादायी व्याख्यान देते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के निदेशक कर्नल युवराज मलिक ने ये विचार साझा किए।
एमडीयू इमसॉर के एलुमिनस, निदेशक एनबीटी कर्नल युवराज मलिक ने कहा कि अपने सपनों को टाइमलाइन के साथ लक्ष्य में परिवर्तित करें तथा कड़ी मेहनत से लक्ष्य प्राप्त करें। कर्नल युवराज मलिक ने प्रसिद्ध एन्त्रोप्रोनियर स्टीव जाब्स, प्रसिद्ध तैयार ओलंपिक पदक विजेता माइकल फेल्प्स, क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कर्नल युवराज मलिक ने विद्यार्थियों से बड़े सपने देखने तथा योजनाबद्ध ढंग से उसे प्राप्त करने के लिए रोड मैप रखा। एमडीयू में बिताए हुए समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा समय विवेकानंद पुस्तकालय तथा पुस्तकों के साथ बिताएं। प्रेरणादायी कविता- तू कोशिश कर हल निकलेगा सुनाकर उन्होंने अपने प्रेरक व्याख्यान का समापन किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इंडक्शन प्रोग्राम नव प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों को करियर रोड मैप तैयार करने तथा कौशल हासिल करने का रास्ता सुझाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं तथा स्टूडेंट सपोर्ट सिस्टम का लाभ उठाने का आह्वान विद्यार्थियों से किया। विद्यार्थियों से स्वस्थ रहने, सार्थक पूर्ण ढंग से व्यस्त रहने तथा मस्त रहने का मंत्र कुलपति ने दिया।
इंडक्शन प्रोग्राम में आज कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने उपस्थित सदन को सद्भावना की शपथ दिलवाई। डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन, कार्य, दर्शन तथा उपलब्धियों बारे बताया। स्वामी दयानंद के विचारों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में विद्या बिना सुख नहीं है। यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक ने विश्वविद्यालय पुस्तकालय बारे तथा पुस्तकालय कार्यप्रणाली बारे विस्तृत जानकारी दी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिन्धु ने विश्वविद्यालय परीक्षा प्रणाली बारे जानकारी दी।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम मंच संचालन निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने किया। डॉ. रवि प्रभात ने वक्ताओं का परिचय दिया।
दोपहर कालीन सत्र में डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, एडिशनल चीफ वार्डन बॉयज प्रो. दलीप सिंह तथा चीफ वार्डन कन्या छात्रावास प्रो. सपना गर्ग ने संबोधन किया। विश्वविद्यालय के अधिकारी, फैकल्टी डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी कार्यक्रम में मौजूद रहे। एमडीयू के समेकित चार वर्षीय तथा पंच वर्षीय पाठ्यक्रमों के नव प्रवेश विद्यार्थियों ने इंडक्शन प्रोग्राम की ज्ञान गंगा में डुबकी लगाकर प्रेरणा प्राप्त की। एमडीयू के संगीत विभाग एवं अन्य विभागों के विद्यार्थियों ने गीत-संगीत की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की मनमोहक छटा बिखेरते हुए कार्यक्रम में समां बांधे रखा।