समीक्षकों द्वारा प्रशंसित अभिनेता रघुबीर यादव और सुष्मिता मुखर्जी ने भारंगम 2025 की शोभा बढ़ाई
एनएसडी के तीसरे वर्ष के छात्रों ने रूसी हाउस, दिल्ली के सहयोग से एंटोन चेखव के नाटक 'द सीगल' का मंचन किया।

नई दिल्ली, 14 फरवरी 2025: भारत रंग महोत्सव 2025 आज अपने अंतिम सप्ताहांत में प्रवेश कर चुका है, जो अब तक के सबसे अधिक दर्शकों की उपस्थिति वाला समय रहा है। आज, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय) के भारत रंग महोत्सव 2025 के अठारहवें दिन में सात नाट्य प्रस्तुतियों, एक संगोष्ठी, और ‘लोक रंगम’ खंड के समापन समारोह का आयोजन किया गया।छात्र-नेतृत्व वाले ‘अद्वितीय’ खंड में, प्रसिद्ध अभिनेता और एनएसडी पूर्व छात्र रघुबीर यादव ने भारंगम 2025 की शोभा बढ़ाई। इस सत्र का संचालन सैयद मोहम्मद इरफान ने किया।
द रॉयल थिएटर (मुंबई) ने मराठी नाटक ‘38 कृष्णा विला’ का मंचन किया। डॉ. श्वेता पेंडसे द्वारा लिखित यह समकालीन मराठी नाटक नंदिनी चित्रे और लेखक देवदत्त कामत के बीच गहन संवाद के माध्यम से मानव संबंधों और साहित्य की जटिलताओं को उजागर करता है, जहाँ यथार्थ और कल्पना की सीमाएँ धुंधली हो जाती हैं। इस नाटक का निर्देशन विजय केंकरे ने किया और मंचन श्रीराम सेंटर में हुआ।
पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़) के भारतीय रंगमंच विभाग के छात्रों ने पंजाबी नाटक ‘सोहनी महिवाल’ का मंचन किया। एकम मानुके द्वारा लिखित और डॉ. नवदीप कौर द्वारा निर्देशित यह नाटक प्रेम और बलिदान की कालजयी कथा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। यह सूफ़ी काव्य और पंजाब की सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध एक नाट्य अनुभव प्रदान करता है। इस नाटक का मंचन लिटिल थिएटर ग्रुप ऑडिटोरियम में हुआ।
आज ‘लोकरंगम’ खंड का समापन दिवस था, जो हुडको के सहयोग से लोक कला प्रस्तुतियों को समर्पित रहा। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात अभिनेता श्री रघुबीर यादव उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि श्री संजय कुलश्रेष्ठ, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, हुडको थे, जबकि विशेष अतिथि के रूप में श्री राजीव गर्ग, क्षेत्रीय प्रमुख, हुडको ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। स्वागत भाषण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के निदेशक श्री चितरंजन त्रिपाठी ने दिया, और धन्यवाद ज्ञापन एनएसडी के रजिस्ट्रार श्री पी.के. मोहंती द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस खंड में अंतिम प्रस्तुति ब्रज लोक माधुरी (उत्तर प्रदेश) द्वारा हिंदी नाटक ‘अमर सिंह राठौर’ रही। पंडित नाथाराम शर्मा गौड़ द्वारा लिखित यह शास्त्रीय नौटंकी नाटक राजपूत वीरता, निष्ठा और मुगल दरबार की साजिशों को प्रस्तुत करता है। यह कथा अमर सिंह राठौर द्वारा सम्राट शाहजहाँ के आदेश की अवहेलना और उसके परिणामों के इर्द-गिर्द घूमती है। इस नाटक का निर्देशन पंडित राम दयाल शर्मा ने किया और मंचन एनएसडी ओपन मंच पर हुआ।
कलीकट विश्वविद्यालय लिटिल थिएटर, स्कूल ऑफ ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स (केरल) ने मलयालम नाटक ‘तमाशा’ का मंचन किया। यह नाटक सआदत हसन मंटो की प्रभावशाली और बेबाक कहानियों— ‘तमाशा’, ‘दस रुपये’, ‘गंध’, ‘टेठवाल का कुत्ता’, ‘शाहडोल के चूहे’ और ‘सौ वाट का बल्ब’— को एक साथ पिरोता है। नाटक हानि, गरीबी और लैंगिक राजनीति जैसे विषयों को समाज के हाशिए पर मौजूद लोगों के नजरिए से प्रस्तुत करता है। इस नाटक का रूपांतरण विष्णु हरी ने किया, निर्देशन नीलम मानसिंह चौधरी ने किया और मंचन बहुमुख में हुआ।
अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति के अंतर्गत, इटली के तिएत्रो देल ओम्ब्रे ने ‘क्लैन मैकबेथ’ का मंचन किया। शेक्सपियर के ‘मैकबेथ’ का यह रूपांतरण तीन पात्रों— मैकबेथ, लेडी मैकबेथ और जोकर— के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो एक शाश्वत और स्थानरहित संसार रचते हैं। इस नाटक में जोकर एक रहस्यमय सेतु की भूमिका निभाता है, जो घटित हो रही घटनाओं को जोड़ता है। यह इतालवी भाषा का नाटक था, जिसका निर्देशन डेनियल स्कैतिना ने किया और मंचन कमानी सभागार में हुआ।
एनएसडी सिक्किम रिपर्टरी ने ‘सफेद लकीर’ का मंचन किया। यह नाटक यथार्थ और कल्पना को मिलाकर नशा पीड़ितों के पुनर्वास की कठिनाइयों को उजागर करता है। डॉ. मलिका सिंह, जो एक समर्पित मनोचिकित्सक हैं, इस कथा के केंद्र में हैं। नाटक उनके माध्यम से पुनर्वास केंद्र में रह रहे लोगों के जीवन और उनके आंतरिक संघर्षों को दर्शाता है।इस नाटक की परिकल्पना और निर्देशन बिपिन कुमार ने किया और मंचन अभिमंच में हुआ।
एनएसडी बेंगलुरु केंद्र ने ‘शिवरात्रि’ का मंचन किया। यह नाटक 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बसवन्ना के युग को प्रस्तुत करता है, जिन्होंने जाति व्यवस्था को चुनौती दी और समानता का समर्थन किया। इतिहास और लोक परंपराओं से प्रेरित यह नाटक अंतरजातीय विवाह की कहानी के माध्यम से एक तेज वैचारिक टकराव को दर्शाता है, जो समकालीन संघर्षों की गूंज पैदा करता है। इस नाटक को चंद्रशेखर कांबर ने लिखा, वीणा शर्मा भुसनूरमठ ने इसका अनुवाद और निर्देशन किया, और मंचन मेघदूत सभागार में हुआ।
सभी प्रस्तुतियों के बाद दर्शकों ने ‘मीत द डायरेक्टर’ खंड में निर्देशक, कलाकारों और दल के सदस्यों के साथ खुली चर्चा की, जहाँ उन्होंने प्रोडक्शन प्रक्रिया से जुड़ी जानकारियाँ साझा कीं।
सहायक कार्यक्रम खंड के अंतर्गत ‘इंडिया टू ग्लोब’ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव एवं कार्यकारी तथा शैक्षणिक प्रमुख, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), और विक्रम शर्मा, नाट्य प्रशिक्षक एवं कलाकार, एनएसडी, दिल्ली के अतिथि प्राध्यापक, ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने चर्चा की कि भारतीय रंगमंच ने ऐतिहासिक रूप से वैश्विक प्रदर्शन कलाओं को कैसे प्रभावित किया है और वर्तमान में भी इसकी गहरी छाप बनी हुई है। उन्होंने उदाहरण दिए कि रूस से लेकर जर्मनी तक कई नाट्य कलाकार और निर्देशक भारतीय नाट्य सौंदर्यशास्त्र से प्रेरित हो रहे हैं। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. भरत गुप्त, उपाध्यक्ष, एनएसडी सोसायटी ने की।
सहायक कार्यक्रम खंड में एक अन्य प्रमुख प्रस्तुति एंटन चेखव के नाटक ‘द सीगल’ की रही। यह नाटक एनएसडी के तृतीय वर्ष के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया और रूसी हाउस, नई दिल्ली के सहयोग से मंचित हुआ। नाटक का परिकल्पना और निर्देशन बहारुल इस्लाम ने किया, और यह सबीरा हबीब के अनुवाद पर आधारित था।
अद्वितीय के 18वे दिन के तहत आज के टॉक शो में विशेष अतिथि के रूप में प्रसिद्ध अभिनेता और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के पूर्व छात्र, रघुबीर यादव शामिल हुए। इस कार्यक्रम की मेजबानी प्रसिद्ध टेलीविजन हस्ती सैयद मोहम्मद इरफान ने की, जिन्होंने अनुभवी अभिनेता के साथ एक गहन और रोचक बातचीत की। रघुबीर यादव ने एनएसडी में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए रंगमंच के शुरुआती अनुभव, उन पलों को साझा किया जिन्होंने उनके करियर को आकार दिया, और वे सीखें जो उन्होंने आगे चलकर सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया में अपनाईं।
साहित्यिक खंड ‘श्रुति’ के तहत ‘नटी’नाटक पुस्तक का विमोचन और चर्चा आयोजित की गई। यह पुस्तक प्रसिद्ध अभिनेत्री और लेखिका सुष्मिता मुखर्जी द्वारा लिखी गई है। पुस्तक पर चर्चा के लिए प्रख्यात नाटककार आसिफ अली ने सत्र का संचालन किया। इस दौरान सुष्मिता मुखर्जी ने रंगमंच और सिनेमा की दुनिया में अपनी यात्रा और अनुभवों को साझा किया, जिससे दर्शकों को उनके रचनात्मक सफर को करीब से समझने का अवसर मिला।