राज्यपाल से विधानसभा भंग कर तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू कर नये चुनाव कराने की मांग की दीपेन्द्र हुड्डा ने।
बादली, गिरीश सैनी। रोहतक लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी दीपेन्द्र हुड्डा ने वीरवार को बादली हलके के गांवों बाबरा, डावला, रईया, हसनपुर, कुंजि, शाहजापुर, बिलोचपुरा, भिंडावास, फतेहपुरी, सुरेहती, समसपुर माजरा, कासनी, चांदोल, ढाकला, सुबाना, सरोला, छप्पार, न्योला, जैतपुर, मुबारिकपुर, तुम्बाहेडी, धारोली, जटवाड़ा, बाबेपुर, गिरधरपुर आदि का दौरा कर मतदाताओं से कांग्रेस के पक्ष में वोट की अपील की।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दिया है, इससे प्रदेश की मौजूदा भाजपी सरकार अल्पमत में आ गई है। अल्पमत वाली इस सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 88 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए 45 विधायकों का समर्थन जरूरी है, जबकि भाजपा के पास 42 से ज्यादा विधायक नहीं हैं। उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल से मांग की है कि इस मामले का संज्ञान लेकर हरियाणा में विधानसभा भंग कर तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाएं और नये चुनाव कराएं। उन्होंने कहा कि ये चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है, बल्कि भाजपा का संविधान पर हमला है। हरियाणा के लोगों ने बदलाव का फैसला कर लिया है और अब इस सरकार को ही बदल देंगे। इस दौरान विधायक कुलदीप वत्स मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में बादली, झज्जर, बहादुरगढ़, महम, कोसली, रोहतक, कलानौर, सांपला समेत 17 शहरों में बाईपास बनवाये और छुछकवास, मातन, सुबाना और बेरी का बाईपास एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूर करा दिया था। लेकिन बीजेपी सरकार 10 साल में 4 मंजूरशुदा बाईपास भी नहीं बनवा पायी। उन्होंने इलाके की मंजूरशुदा परियोजनाओं के प्रदेश से बाहर जाने पर भी रोष जताया।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि साढ़े 9 साल में हरियाणा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और बेरोजगारी में देश का नंबर वन राज्य बन चुका है। भाजपा-जजपा का समझौता पेंशन या रिजर्वेशन का नहीं बल्कि मिलकर हरियाणा को लूटने का, अपने भ्रष्टाचार की फाईलों को बंद कराने का था। बीजेपी-जेजेपी ने आपस में महकमे बांट कर प्रदेश में लूट मचा दी। पूरे प्रदेश में इस सरकार के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी को देखकर ही चुनाव से पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, सारे मंत्री और तो और गठबंधन भी बदल दिया। लेकिन अब चेहरे बदलने से कुछ नहीं होगा, हरियाणा की जनता इस सरकार से बदला लेने के लिए बेसब्री से 25 मई को मतदान के दिन का इंतज़ार कर रही है।