समाचार विश्लेषण/किसानों पर लाठीचार्ज: शुरू हुआ सोच विचार 

समाचार विश्लेषण/किसानों पर लाठीचार्ज: शुरू हुआ सोच विचार 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय  

भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्त्ताओं पर दो दिन पूर्व कुरूक्षेत्र के निकट पिपली में हुए लाठीचार्ज ने हरियाणा की राजनीति को गर्मा दिया है । जहां विपक्ष सवाल उठा रहा है और निंदा/आलोचना कर रहा है , वहीं सरकार और इसके प्रतिनिधि इस पर विचार करने लगे हैं कि यह क्या कर बैठे ? भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष चढूनी समेत सौ से ऊपर लोगों को नामजद किया गया है और नौ लोगों पर केस दर्ज कर लिए गये हैं जबकि सांसद धर्मवीर सिंह, ब्रजेंद्र सिंह और कैप्टन अभिमन्यु तक इस पर सवाल उठाने लगे हैं । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चेतावनी दी है कि यदि दस दिन के अंदर किसानों पर बनाये केस वापिस न लिए तो बड़ा आंदोलन शुरू कर देंगे । सैलजा का कहना है कि 21 सितम्बर को जिला मुख्यालयों पर तीन अध्यादेशों के खिलाफ धरने प्रदर्शन किये जायेंगे । रणदीप सुरजेवाला इसे सरकार के कफन में आखिरी कील बता रहे हैं । सरकार की चिंता स्वाभाविक है । बरोदा उप चुनाव सिर पर है और किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देते समय इसे कैसे भूला दिया गया ? सबसे मजेदार बात कही अनिल निज ने कि किसानों पर लाठीचार्ज हुआ ही नहीं । कोरोना की दुहाई भी दी जा रही है और जो भाजपा नेता जगह जगह भीड़ एकत्रित करते हैं उस समय कोरोना को कहां छोड़ देते हैं ? हालांकि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने लाठीचार्ज को सही नहीं माना और कहा कि पुलिस अधिकारियों को संयम बरतना चाहिए था । बेशक उन्होंने भी कोरोना की दुहाई दी लेकिन जब वे हिसार आए थे तब उन्होंने आयोजकों को इस बारे में कुछ कहा था कि कोरोना के चलते भीड़ न जुटाना ? आपको भीड़ अच्छी लगती है तो किसान आंदोलन में भीड़ तो जुटेगी । आप नियमों का पालन करवाएं तो जनता और,किसान से भी कहने में दम हो । आप स्वयं पालन नहीं करते तो दूसरों को नसीहत कैसे ? सहयोगी जजपा ने भी लाठीचार्ज किये जाने की निंदा की है । दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों की पीड़ा को हम अपनी पीड़ा मानते हैं । इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए । 

इधर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुलाम नवी आजाद को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पद से मुक्त कर दिया है । इसके पीछे पत्र बम को माना जा रहा है । रणदीप सुरजेवाला का कद बढ़ा दिया गया महासचिव बना कर । इसका मतलब यह न निकाला जाए कि किसी का कद घटा दिया गया है । वैसे भी नयी पीढ़ी बनाम पुरानी पीढ़ी का विवाद बढ़ा है कांग्रेस में । कुछ बदलाव देखने को मिलने ही थे । जिसका पद मिला उसे मुबारक । जिसका छिना उससे कुछ और की उम्मीद ।