समाचार विश्लेषण/खेलमंत्री के इस्तीफे की मांग जोरों पर
-*कमलेश भारतीय
शुक्र है एक महिला होने के नाते जजपा की बाढड़ा से विधायक और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने महिला कोच के पक्ष में पैरवी की । नैना चौटाला ने कहा कि अगर महिला कोच सही है तो मंत्री संदीप सिंह पर लगे आरोपों के अनुसार कार्यवाही होनी चाहिए । मैं महिला होने के नाते महिला कोच के साथ हूं । उन्होंने यह भी कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए । महिला कोच दोषी मिले तो उस पर भी कार्यवाही होनी चाहिए । यह बहुत बड़ा दिल निकाला नैना चौटाला ने । कोई महिला कोच के साथ खड़ा होने को तैयार नहीं । सोशल एक्टिविस्ट जगमति सांगवान ने जरूर पी टी ऊषा के नाम पत्र लिखकर महिला कोच के पक्ष में खड़े होने का आह्वान जरूर किया । हरियाणा के महिला आयोग ने तो इस मुद्दे पर पूरी तरह आखें मूंद रखी हैं जबकि हरियाणा महिला हाॅकी एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष कृष्णा सम्पत ने भी इस मामले की गहरी जांच करने की मांग उठाई है । इसी तरह अनेक संगठनों के महिला विंग इस प्रकरण को लेकर मंत्री के इस्तीफे की मांग उठा रहे हैं । इनेलो की महिला नेत्री सुनयना चौटाला खुद कबड्डी खिलाड़ी रही हैं और उन्होंने भी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल को इस मामले की गंभीर जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा । महिला कोच से छेड़छाड़ का यह एक उदाहरण मात्र हो सकता है जो मीडिया में महिला कोच की हिम्मत के चलते सामने आ पाया नहीं तो ऐसी ओर महिला खिलाड़ी चुपचाप इस तरह के शोषण का शिकार हो रही होंगीं तभी तो मंत्री महोदय ने कहा कि तीन चार और महिला खिलाड़ी उनकी ऑफर को स्वीकार कर चुकी हैं और तुम भी खुश रहो मेरी ऑफर मान कर ! अब तक पुलिस ने या जांच एजेंसियों ने महिला कोच से उन तीन चार खिलाड़ियों के नाम क्यों नहीं पूछे ? जांच को गंभीरता से लेने की जरूरत है । महिला कोच को एक करोड़ रुपये ऑफर करने वाले पर क्या कोई कार्यवाही होगी ?
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा है कि खेलमंत्री संदीप सिंह के इस्तीफे के बिना निष्पक्ष जांच संभव नहीं लगती । श्री हुड्डा ने यह भी कहा कि यदि सरकार में नैतिकता होती तो तुरंत संदीप सिंह को केबिनेट से बर्खास्त किया जाता । पूर्व में मंत्रियों पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं और उन्होंने तुरंत इस्तीफे दिये । हमारे मंत्रिमंडल से गोपाल कांडा को इस्तीफा देने को कहा गया था । बिना जांच के महिला कोच के आरोपों को अनर्गल आरोप कहना जिम्मेदार पद पर बैठे नेता को शोभा नहीं देता ।
इस तरह संदीप सिंह की परेशानियां दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं । क्या वे खुद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देंगे ? लगता तो नहीं !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।