79वें दिन भी दादा लख्मीचंद सुपवा के प्राध्यापकों का प्रदर्शन जारी
छात्र संगठन सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी भी आया शिक्षकों के समर्थन में।
रोहतक, गिरीश सैनी। वेतनमान व पदोन्नति को लेकर लगातार 79वें दिन भी दादा लख्मीचंद सुपवा के प्राध्यापकों का प्रदर्शन जारी रहा। 79वें दिन अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए प्राध्यापकों ने कहा कि पिछले 10 सालों से उनकी पदोन्नति नहीं की गई है। उनकी फाइलों को लटका कर उनके करियर के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
शिक्षक संघ को अध्यक्ष इंद्रनील घोष व उपाध्यक्ष दीपक सिनकर ने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा लेक्चरर से पुनः पद किए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी यूजीसी के अनुसार सैलरी नहीं दी जा रही। इसका निवारण करना कुलपति व कुलसचिव का कार्य है। विवि प्रशासन द्वारा लगातार उनकी मांगों की अनदेखी करते हुए मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
शिक्षकों ने कहा कि निदेशालय से 11 महीने पहले आए पत्र की अवहेलना हो रही है। उसे लागू कराने के लिए सुपवा के शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए विमर्श प्रदर्शन करना पड़ रहा है। लेकिन विवि प्रशासन मांगों का निराकरण नहीं कर रहे। जबकि गैर विशेषज्ञ नियुक्तियों को विशेष लाभ दिए जा रहे हैं। वहीं नियमित असिस्टेंट प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसरों को कई वर्षो से यूजीसी वेतनमान नहीं दिया जा रहा और पदोन्नति भी नहीं की जा रही है। संघ ने कुलपति से शिक्षकों की मांगों का जल्द से जल्द निवारण करने की मांग की।
वहीं कला विश्वविद्यालय के छात्र संगठन सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी ने भी शिक्षकों की यूजीसी वेतनमान, 7वें सीपीसी और पदोन्नति की मांगों का समर्थन करते हुए इसे विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए जरूरी बताया। सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी के संयोजक शिवम पांडे ने कहा कि संगठन अपने शिक्षकों के साथ खड़ा है। जरूरत पड़ने पर विद्यार्थी समूह भी जल्द शिक्षक सहयोग आंदोलन में शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर विद्यार्थियों की पढ़ाई से संबंध है। सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी ने विवि प्रशासन से मांग की है कि विवि की बेहतर छवि के लिए शिक्षकों की मांगों का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए।