बरसती बूंदों के बीच 56वें दिन भी सुपवा प्राध्यापकों का प्रदर्शन जारी
रोहतक, गिरीश सैनी। पीएलसी सुपवा के प्राध्यापकों ने 56वें दिन भी तेज बरसात के बावजूद भी यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और पदोन्नति की मांगों को लेकर ग्रीष्मावकाश के दौरान विमर्श-प्रदर्शन किया।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष इंद्रनील घोष ने कहा कि जायज मांगों की सुनवाई न होने के बाद विवश होकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने इस विश्वविद्यालय को बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा की है। तमाम शिक्षकों की शैक्षणिक और प्रोफेशनल योग्यता पूरी होने के बावजूद भी कुछ अधिकारी अनावश्यक रूप से शिक्षकों की फाइलों को अटका कर बैठे हुए हैं। लगातार यूजीसी के अनुसार वेतनमान देने की प्रक्रिया में देरी की जा रही है।
शिक्षकों अजय यादव, दीपक सिनकर, दुष्यंत, सुधीर तिरंगा, जतिंदर शर्मा, विनय कुमार, केशव कुमार, अजय बाहू आदि ने कहा कि राज्य में वर्षों से तमाम कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। लेकिन कला विश्वविद्यालय सुपवा के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के लाभ से भी वंचित रखा जा रहा है। साथ ही दशक भर से किसी भी शिक्षक की पदोन्नति भी नहीं की गई है।
शिक्षक संघ ने कहा कि कुलसचिव द्वारा एक महीने के अंदर तमाम शिक्षकों की मांगों का निवारण किए जाने के आश्वासन के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ है। शिक्षकों के प्रदर्शन के डेढ़ महीने बाद भी प्रशासन ने द्विपक्षीय वार्ता के नियमों का उल्लंघन करते हुए बस बैठक की दिखावटी औपचारिकता पूरी की है। शिक्षक संघ ने कुलाधिपति से सकारात्मक तरीके से यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और शिक्षकों की पदोन्नति की मांगों का अति शीघ्र निवारण कर शिक्षकों के साथ न्याय की अपील की।