ग्रीष्मावकाश के बावजूद सुपवा प्राध्यापकों ने 47वें दिन भी जारी रखा प्रदर्शन

ग्रीष्मावकाश के बावजूद सुपवा प्राध्यापकों ने 47वें दिन भी जारी रखा प्रदर्शन

रोहतक, गिरीश सैनी। पीएलसी सुपवा में ग्रीष्म अवकाश के बावजूद प्राध्यापकों ने 47वें दिन भी वेतनमान न पदोन्नति की अपनी मांगों को लेकर दोपहर और शाम को भी विमर्श प्रदर्शन जारी रखा। शिक्षक संघ के अध्यक्ष इंद्रनील घोष, उपाध्यक्ष दीपक सिनकर, सह सचिव दुष्यंत व सुधीर तिरंगा ने संयुक्त बयान में कहा कि शैक्षणिक और प्रोफेशनल योग्यता रखने के बावजूद भी कला विश्वविद्यालय के शिक्षकों को यूजीसी के अनुसार वेतनमान नहीं दिया जा रहा। उन्हें सातवें वेतन आयोग के लाभ भी नहीं दिए जा रहे हैं।

संघ के सदस्यों -जतिंदर शर्मा, विनय कुमार, केशव कुमार व अजय वाहू ने कहा कि ना ही किसी भी शिक्षक की पदोन्नति की गई है। शिक्षक संघ ने विवि प्रशासन के दावे का खंडन करते हुए कहा कि अभी तक एक भी शिक्षक को सातवें सीपीसी का लाभ नहीं मिला है। संघ ने कहा कि प्रशासन पिछले 12 सालों से फाइलों की जांच पूरी नहीं कर पा रहा है। आख़िर यह किस तरह की जांच है। शिक्षकों की नियुक्ति के बाद से अनेकों बार प्रमाण पत्रों व दस्तावेजों की जांच हो चुकी है।

विवि प्रशासन लगातार निदेशालय के आदेश की अवहेलना करते हुए नौ माह पहले आए यूजीसी वेतनमान 7वें सीपीसी संबंधी सरकारी आदेश को लागू नहीं कर रहा है। शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष, अजय यादव ने कहा कि पिछले 12 सालों से वेतन विसंगति को दूर नहीं किया जा रहा और साथ ही बिना किसी पदोन्नति के शिक्षकों के करियर को रोक दिया गया है। शिक्षक संघ ने कहा कि डेढ़ महीने बाद विवि प्रशासन ने द्विपक्षीय वार्ता के नियमों का उल्लंघन करते हुए बैठक की दिखावटी औपचारिकता पूरी की। शिक्षक संघ ने कुलाधिपति से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सकारात्मक तरीके से यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और शिक्षकों की पदोन्नति की मांगों का निवारण करते हुए शिक्षकों को न्याय दिलाए जाने की अपील की।