फंक्शनल मैटेरियल्स के विकास से विज्ञान और इंजीनियरिंग में खुलेंगे नई संभावनाओं के द्वारः प्रो. फिलिप स्मिट
एमडीयू में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रारंभ।
रोहतक, गिरीश सैनी। फंक्शनल मैटेरियल्स आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में न केवल क्रांतिकारी बदलाव ला रहें हैं, बल्कि आने वाले समय में हमारे जीवन को भी नई दिशा प्रदान करेंगे। इनके विकास से विज्ञान और इंजीनियरिंग में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। यह उद्गार जर्मनी की टेक्निकल यूनिवर्सिटी, म्यूनिच के प्रो. फिलिप स्मिट कॉपलिन ने वीरवार को एमडीयू के केमिस्ट्री विभाग के तत्वावधान में -इमर्जिंग ट्रेंड्स इन फंक्शनल मैटेरियल्स इन साइंसेज विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।
इंडियन सोसायटी ऑफ एनालिटिकल साइंटिस्ट, दिल्ली चैप्टर के सहयोग से आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ जर्मनी की टेक्निकल यूनिवर्सिटी, म्यूनिच के प्रो. फिलिप स्मिट कॉपलिन ने बतौर मुख्यातिथि पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। उन्होंने कांफ्रेंस सोविनियर का विमोचन भी किया।
मुख्यातिथि प्रो. फिलिप स्मिट कॉपलिन ने अपने प्रभावी संबोधन में कहा कि फंक्शनल मैटेरियल्स के नए रुझानों की तकनीकी, चिकित्सा, ऊर्जा, पर्यावरण, और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में विशेष महत्ता है। इनका विकास न केवल हमारे तकनीकी विकास को गति देगा, बल्कि हमारी जीवनशैली को भी अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा। प्रो. फिलिप ने कहा कि हमें इन नए रुझानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वैज्ञानिक समुदाय को इन क्षेत्रों में और अधिक शोध करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि हम आने वाले समय में इन सामग्रियों के अधिकतम लाभ उठा सकें।
गेस्ट ऑफ ऑनर आईआईटी, दिल्ली की प्रो. वीना चौधरी ने कहा कि फंक्शनल मैटेरियल साइंस में होने वाले परिवर्तनशील विकास को समझकर, हम अपने देश की तकनीकी और वैज्ञानिक क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए प्रेरित किया। डीन, फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज प्रो. एस. सी. मलिक ने विज्ञान क्षेत्र के शोध कार्य में एडवांस टेक्नोलॉजी की जरूरत पर बल देने की बात कही।
केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष एवं संगोष्ठी के कन्वीनर प्रो. देवेन्द्र सिंह ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और संगोष्ठी की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इंडियन सोसायटी ऑफ एनालिटिकल साइंटिस्ट, दिल्ली चैप्टर के सचिव डॉ. धीर सिंह ने सोसायटी बारे जानकारी दी और दिल्ली चैप्टर की गतिविधियों से अवगत कराया। इंडियन सोसायटी ऑफ एनालिटिकल साइंटिस्ट, दिल्ली चैप्टर के कोषाध्यक्ष डॉ .रविन्द्र कुमार इस दौरान उपस्थित रहे।
डॉ. प्रीति बूरा दून ने मंच संचालन व डॉ. हरिओम ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, प्रो. के.सी. सिंह, प्रो. एस. पी. खटकड़, प्रो. सुरेंद्र कुमार, प्रो. प्रताप सिंह कादयान, प्रो. विनोद बाला तक्षक, प्रो. अशोक कुमार मलिक, डॉ. नवीन, डॉ. राजेश कुमार मलिक सहित प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और प्रतिभागी मौजूद रहे।