धोनी की चर्चा हर कहीं

- *कमलेश भारतीय
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एम. एस. धोनी की चर्चा जोरों पर है, खासकर आईपीएल में उनकी बल्लेबाजी के क्रम को लेकर। वही धोनी, जो कभी ओपनिंग बैट्समैन थे, अब नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते हैं। इसे लेकर आलोचनाएँ भी शुरू हो गई हैं—आखिर धोनी इतने नीचे क्यों आ गए? टीम की जरूरत के अनुसार वे पहले बल्लेबाजी करने क्यों नहीं आते? हेलिकॉप्टर शॉट के लिए मशहूर "माही" अब कहां हैं?
"मुल्तान के सुल्तान" कहे जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने भी तंज कसते हुए कहा कि धोनी 16वें ओवर में जल्दी बल्लेबाजी करने आ गए, वरना वे 19वें ओवर तक इंतजार करते। ऐसा लगता है जैसे धोनी यह मन्नत मांगते हैं कि उन्हें बल्लेबाजी करने मैदान में उतरना ही न पड़े! पूर्व साथी हरभजन सिंह ने भी उनकी बल्लेबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि धोनी के घुटनों में दर्द है, तो उन्हें गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए। इससे उनके प्रशंसक निराश हो रहे हैं, जो मैदान में उनके हेलिकॉप्टर शॉट देखने और "माही" के खेलने का इंतजार करते हैं। लेकिन अब धोनी फिनिशर नहीं रहे।
कमेंट्री बॉक्स में भी उनकी बल्लेबाजी को लेकर दबी ज़ुबान में आलोचना हो रही है। हाँ, उनकी विकेटकीपिंग की अब भी प्रशंसा की जा रही है। कल के मैच में जब जोस बटलर समय पर स्टंपिंग नहीं कर पाए, तो कमेंटेटरों ने धोनी को याद करते हुए कहा—"इतने समय में तो धोनी दो बार स्टंपिंग कर देते!" धोनी ने एक बार कहा था कि अगर कोई विकेटकीपर तैयार है, तो वे संन्यास लेने को तैयार हैं। तो क्या अब उनकी भूमिका सिर्फ विकेटकीपिंग तक सीमित रह गई है?
घुटनों के दर्द और रिकॉर्ड बनाने के मोह में पहले भी कई दिग्गज खिलाड़ी आलोचना के शिकार हो चुके हैं। 1983 के विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव भी इसी स्थिति से गुजरे थे और अंततः उन्हें संन्यास लेना पड़ा। अब धोनी को लेकर भी हर साल यही चर्चा होती है कि यह उनका आखिरी आईपीएल है, लेकिन हर बार वे फिर मैदान में दिखते हैं। सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे महान खिलाड़ियों ने समय पर संन्यास लिया था। धोनी तीनों प्रारूपों में विश्व विजेता कप्तान रहे हैं और हमारे गर्व का विषय रहे हैं। उनके प्रशंसकों की संख्या अपार है, लेकिन वही धोनी अब हंसी का पात्र क्यों बनते जा रहे हैं? यह उन्हें खुद सोचना चाहिए।
इस बीच, लखनऊ की टीम के लिए सबसे महंगे ऋषभ पंत लगातार तीन मैच हारकर आलोचनाओं से घिरे हैं। वहीं, श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पंजाब की टीम ने अब तक खेले दोनों मैच जीतकर प्रशंसा बटोरी है, भले ही वे शतक से चूक गए।
अब तक चेन्नई सुपर किंग्स ने तीन मैच खेले हैं, जिनमें से केवल एक—मुंबई के खिलाफ—जीता है। अगर लोग धोनी के नाम पर स्टेडियम में आते हैं, तो उन्हें खेल का रोमांच भी मिलना चाहिए। वैसे भी, मज़ाक में आईपीएल को "इंडियन पैसा वसूल लीग" कहा जाता है। तो क्या धोनी अब सच में "पैसा वसूल" करने के लिए खेल रहे हैं, न कि क्रिकेट के खेल के लिए?
- *पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी