डिजिटल युग ने दूरी को समाप्त कियाः वीसी प्रो. दीप्ति धर्माणी
जीजेयू में राष्ट्रीय एकीकरण शिविर का शुभारंभ।
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सौजन्य से 'यूथ फोर माय भारत एंड डिजिटल लिटरेसी' विषय पर राष्ट्रीय एकीकरण शिविर का शुभारंभ हुआ। उच्च शिक्षा निदेशालय हरियाणा द्वारा प्रायोजित ये शिविर 17 अक्टूबर तक चलेगा।
चौ. बंसी लाल विवि, भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। गुजवि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई संरक्षक के रूप में उपस्थित रहे। एनएसएसकी पूर्व समन्वयक एवं फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की अधिष्ठाता प्रो. सुजाता सांघी समारोह की विशिष्ट अतिथि रही। अध्यक्षता एनएसएस की समन्वयक प्रो. अंजू गुप्ता ने की।
मुख्य अतिथि प्रो. दीप्ति धर्माणी ने अपने संबोधन में कहा कि इस शिविर के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर वे भी अपने आप को युवाओं की तरह ऊर्जावान महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और राज्य अलग-अलग चीज हैं। राष्ट्र है तो राज्य होगा और यदि राज्य है तो राष्ट्र का होना जरूरी नहीं है। राष्ट्र में हम सब लोग हैं, जो अनेक होने के बावजूद एक जैसे हैं। हम धर्म, जाति, सम्प्रदाय, भाषाओं को जोड़कर एक सुंदर भारत की कल्पना करें। हम सब मिलकर भारतीय परम्परा के ज्ञान को चारों तरफ फैलाएंगे। डिजिटल साक्षरता पर उन्होंने कहा कि हम सबके पास फोन है, तकनीक में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। इस डिजिटल युग ने दूरी को समाप्त किया है और पूरे विश्व को एक ग्लोबल विलेज बना दिया है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शिविर के आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस शिविर का आयोजन युवाओं में न केवल एकता की भावना उत्पन्न करने के लिए, बल्कि युवाओं को चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार करने के लिए है। उन्होंने विवि में उपलब्ध पुस्तकालय, अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं व ढांचागत सुविधाओं के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारत में आधे से अधिक जनसंख्या युवाओं की है और युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। सरकार की योजनाओं को डिजिटल माध्यम से सब तक पहुंचाने में युवाओं को सक्रिय योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि इस शिविर में जो भी ज्ञान अर्जित करें उसे अपने जीवन में उतारें। राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी युवाओं की है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. सुजाता सांघी ने कहा कि भले ही शिक्षा में अच्छे नम्बर हों, लेकिन एनएसएस शिविर जैसी गतिविधियों में भाग लेने से स्वयंसेवकों में व्यक्तित्व का समग्र विकास होता है। उन्होंने डिजिटल गेजेटस का प्रभावी उपयोग करने की बात कही। एनएसएस समन्वयक प्रो. अंजू गुप्ता ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि गुजवि में इस राष्ट्रीय एकीकरण शिविर का आयोजन पहली बार किया जा रहा है। इस शिविर में लगभग 15 राज्यों से 200 स्वयंसेवक और 25 कार्यक्रम अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस शिविर में विभिन्न गतिविधियों के जरिए युवाओं को विभिन्न परंपराओं, भाषाओं और धर्मों वाले लोगों के साथ तालमेल बिठाना सिखाया जाता है। सभी प्रतिभागी हरियाणा की संस्कृति के साथ साथ अन्य राज्यों की संस्कृति से भी रूबरू होंगे।
समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा कविता पाठ, हरियाणवी रागनी, देशभक्ति गीत व हरियाणा नृत्य की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम अधिकारी डा. विकास जांगड़ा ने आभार व्यक्त किया।