फार्मेसी के क्षेत्र में डिजिटल नवाचार अहम हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
इनोवेटिव टेक्नोलॉजी इन डिजिटल एज विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2024 के उपलक्ष्य में एमडीयू के फार्मास्यूटिकल विभाग द्वारा शनिवार को - इनोवेटिव टेक्नोलॉजी इन डिजिटल एज विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी, पंचकूला के सहयोग से आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने किया।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि डिजिटल युग में नवाचार विकास की कुंजी है। खासतौर पर फार्मेसी के क्षेत्र में डिजिटल नवाचार अहम है। दवा विकास में तेजी लाने में एआई और मशीन लर्निंग अमूल्य उपकरण के रूप में उभरे हैं।
डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर शोध में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी के समावेश को अहम बताते हुए कहा कि एमडीयू में शोध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च इको सिस्टम को सुदृढ़ किया गया है। फार्मास्यूटिकल साइंसेज विभागाध्यक्ष एवं संगोष्ठी कंवीनर प्रो. हरीश दूरेजा ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और विभाग की विकास यात्रा एवं उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। आयोजन सचिव डा. मीनू ने संगोष्ठी की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। डा. अभिलाषा अहलावत ने उद्घाटन सत्र का समन्वयन किया।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम तकनीकी सत्र में जामिया हमदर्द, नई दिल्ली के प्रो. बिभू प्रसाद पांडा ने- फार्मास्यूटिकल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एंड ट्रांसफर विषय पर व्याख्यान दिया। दूसरे तकनीकी सत्र में दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी की प्रो. गीता अग्रवाल ने- इनोवेशन इन एकेडमिया:एड्रेसिंग चैलेंजस ऑफ फार्मास्यूटिकल थ्रू एडवांस्ड ड्रग डिलीवरी विषय पर अपनी बात रखी। सह आयोजन सचिव डा. सलोनी कक्कड़ ने आभार जताया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में लगभग 180 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान विभाग के पांच प्राध्यापकों तथा एक एलुमनी ने नीड कम मेरिट स्कॉलरशिप के तहत सात विद्यार्थियों को 25 हजार रुपए प्रत्येक विद्यार्थी के हिसाब से स्कॉलरशिप प्रदान की। विद्यार्थी विवेक ने प्रो. अरुण नंदा से, कुलदीप ने प्रो. संजू नंदा से, श्वेता व निधि ने डा. अनुराग खटकड़ से, महक ने डा. सलोनी कक्कड़ से, सौरव ने डा. विनीत मित्तल से तथा हरप्रीत ने डा. नंदकिशोर यादव से स्कॉलरशिप प्राप्त की। इस दौरान विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और प्रतिभागी मौजूद रहे।