राजनीति की डर्टी पिक्चर के डर्टी वीडियोज/कमलेश भारतीय
लेखक द्वारा वर्तमान राजनितिक हालात पर प्रतिक्रिया
भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट और हिसार मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह के बीच बालसमंद में हुई बातचीत के बाद हुए चप्पल व थप्पड़ कांड के नित नये वीडियो जारी हो रहे हैं और ऑडियो भी । क्या हम इसे राजनीति की डर्टी पिक्चर कह सकते हैं ? पहले विपक्षी नेताओं ने मुद्दे को उठाया । फिर मार्केट कमेटी के कर्मचारियों ने भी धरने प्रदर्शन किए और आज उनके अल्टीमेटम का आखिरी दिन है । फिर आए भाजपा नेता । संजय भाटिया । दो दिन हिसार आए और सोनाली सहित अन्य नेताओं को सुनकर चले गये । अब आईं प्रतिभा सुमन । हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष । पी डब्ल्यू डी रेस्ट हाउस में डेरा लगाया । एस पी और सोनाली फौगाट की सुनी । फिर कह गयीं मीडिया में कि इतने डर्टी कमेंट्स हैं सचिव के , इतनी अभद्र भाषा है कि महिलाओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले बार बार पिटेंगे । इस बयान को क्या जजमेंट मान लिया जाये ? क्या आप एक बार भी सिविल अस्पताल में जाकर सुल्तान सिंह का पक्ष सुने बिना क्या अपनी जजमेंट सुना सकती हैं ? यह पीटने को आप जायज ठहरा रही हैं ? कानून हाथ में लेने को सही बता रही हैं ? और जो सीसीटीवी फुटेज बालसमंद मंडी से वायरल हुई है , उसे देखने की जहमत उठायेंगी आप सुमन जी ? एकतरफा कार्रवाई नहीं हो रही यह सारी ? बालसमंद मंडी का वीडियो यह बता रहा है कि पिटाई से पहले सोनाली के समर्थकों ने भी बुरी तरह सुल्तान सिंह की पिटाई की । वह भाग कर किसी दुकान में पहुंचा तो फिर सोनाली की एंट्री होती है और वे सुल्तान को चप्पल व थप्पड़ मारती दिखाई देती हैं । कुछ गालियां भी । आखिर सुमन जी , इस तरह की लोक अदालत लगाने को क्या आपने नारी के मान सम्मान का संदेश मान लिया ? आप जांच करने आई थीं , जजमेंट देने नहीं । संकेत आप दे गयीं कि क्या जजमेंट आने वाली है । दूसरे जिन ऑडियो को सौंपा गया है , अगर गौर किया जाये तो उनमें कहीं सोनाली का नाम या कहें जिक्र तक नहीं । हां , ये ऑडियो एक खास समाज के नेताओं को लेकर हैं , जिससे यह लगता है कि इस समाज को सोनाली अपनी ढाल बनाने की कोशिश में जुटी हैं । मामला तूल पकड़ रहा है और सोनाली कह रही हैं कि मेरी सास ने भी मुझे शाबाशी दी है । यह शाबाशी आपको मुबारक लेकिन यह लोक अदालत लगाने की इजाजत किसने दी ? इस तरह तो जो भी पार्टी सत्ता में होगी , उसके पदाधिकारी अदालतों और जजों से ऊपर होंगे? क्या अदालतों का कोई औचित्य नहीं रह जायेगा ? बहुत सारी बातें राजनीति की इस डर्टी पिक्चर से उठ रही हैं
इधर नारनौंद के जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने फिर से बयानबाज़ी की है और मलाईदार महकमों को दुष्यंत चौटाला द्वारा अपने पास रखने के आरोप लगाये हैं । जजपा के डाॅ के सी बांगड ने मीडिया में गौतम को दिए गये नोटिस को वापस ले लिया है । गौतम ने कहा कि जिस दिन वे जजपा से विधायक चुने गये थे , वह उनके जीवन का काला दिन था । मौसा और भांजे के बीच मिलीभगत है और वे इसके शिकार हुए । अब जजपा के बांगड दादा गौतम का क्या क्या वापस लेंगे ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गयी है । दुआ है कि हिसार का दोहिता जल्द स्वस्थ हो जाए ।