किसानों के दिल्ली कूच को लेकर जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार ने जारी किए निषेधाज्ञा के आदेश
हरियाणा पुलिस अधिनियम की धारा 69 के तहत यूनियन ने नहीं ली अनुमति।
रोहतक, गिरीश सैनी। जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 13 फरवरी के प्रस्तावित दिल्ली कूच के आह्वान के मद्देनजर जिला में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से अपराध प्रक्रिया 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा के आदेश जारी किए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि ऐसा अनुमान है कि बड़ी संख्या में किसान हरियाणा व पंजाब से आकर जींद-रोहतक में इकट्ठा होंगे और दिल्ली के लिए कूच करेंगे। इस स्थिति में जिला की सीमाओं और जिला के भीतर उचित कदम उठाने की जरूरत है। इसी के मद्देनजर धारा 144 लागू की गई है, जिसके तहत बिना पूर्व अनुमति के किसी को भी जिला के भीतर आवाजाही की अनुमति नहीं होगी।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि जिला में किसी भी स्थान पर पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेशों के तहत पैदल अथवा किसी अन्य माध्यम से जुलूस-प्रदर्शन करने पर भी रोक लगा दी गई है। संशोधित ट्रैक्टर, जेसीबी हाइड्रा, अर्थ मूवर खुदाई व ब्रेकर आदि का प्रयोग कानून व्यवस्था भंग करने, सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में नहीं किया जा सकता है। यह आदेश कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी देने वाले जनसेवकों और पुलिस बल पर लागू नहीं होंगे।
जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्वारा जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले विभिन्न किसान यूनियन द्वारा दिल्ली कूच की तैयारी की गई है। सूचना मिली है कि किसान यूनियन वर्ष 2020-21 की तर्ज पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थायी डेरा डाल सकते हैं और संसद का घेराव कर सकते हैं। यह भी सूचना मिली है कि किसान नेता लोगों को दिल्ली कूच में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियों व भोजन आदि के साथ चलने के लिए उकसा रहे है। इतना ही नहीं आंदोलनकारियों द्वारा लोगों को हथियार, उपकरण व यंत्र आदि भी साथ लेकर चलने के लिए कहा जा रहा है ताकि कानून को लागू करने वाली एजेंसियों का विरोध किया जा सके और उन द्वारा सार्वजनिक व निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया जा सकता है। आदेशों में कहा गया है कि आंदोलनकारियों ने हरियाणा पुलिस अधिनियम की धारा 69 के तहत भी कोई अनुमति नहीं ली है।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 में भी इन यूनियनों ने इकट्ठे होकर शांति और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में बाधा उत्पन्न की थी, जिसके परिणाम स्वरूप जिला रोहतक के क्षेत्र में दंगे और झगड़े की घटनाएं हुई। वर्ष 2020 में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने दिल्ली सीमा तक मार्च किया था और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आपूर्ति लाइनों को अवरुद्ध कर दिया था। परिणाम स्वरूप स्थानीय आबादी को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं और लोगों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई थी। औद्योगिक इकाइयों को भी भारी नुकसान हुआ था।
आदेशों में कहा गया है कि विभिन्न संगठनों जैसे खाप पंचायत, औद्योगिक एसोसिएशन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और दूसरी किसान यूनियन आदि ऐसे आंदोलनों के खिलाफ है, क्योंकि ऐसे आंदोलन के कारण होने वाली नाकाबंदी से आम जनता को भारी असुविधा होती है। आमजन में अराजकता व असुरक्षा की भावना बढ़ जाती है। आसपास के क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पंगु हो जाती है। औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों को भारी नुकसान पहुंचता है। परिणाम स्वरूप क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ जाती है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए निषेधाज्ञा के आदेश जारी किए गए है। ऐसी सूचनाएं भी मिली है कि असामाजिक तत्व इस स्थिति का लाभ उठाकर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के साथ-साथ शांति भंग भी कर सकते है।