प्रकाश पर्व पर विभिन्न गुरुद्वारों में सजे दीवान

गुरु नानक की महिमा सुन संगत हुई निहाल।

प्रकाश पर्व पर विभिन्न गुरुद्वारों में सजे दीवान

रोहतक, गिरीश सैनी। सिख धर्म के संस्थापक, प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव बड़ी श्रद्धा व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर जींद रोड स्थित नौवीं पातशाही गुरुद्वारा बंगला साहिब, डीएलएफ कॉलोनी स्थित सोमा शाह गुरुद्वारा, सुभाष नगर गुरुद्वारा, गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टाउन, टिकाणा साहिब सहित नगर के अन्य गुरुद्वारों में दीवान सजाए गए और विशेष कीर्तन व लंगर आयोजित किए गए।

फूलों और रंग बिरंगी लाइटों से सजे दीवान हाल में दूर-दूर से पहुंची संगत ने माथा टेक कर सुख शांति की अरदास की और एक दूसरे को गुरुपर्व की बधाई दी। विशेष कीर्तन समागम में रागी जत्थों ने अपनी मधुर वाणी में शब्द गायन कर मौजूद साध संगत को निहाल किया। सतगुरु नानक प्रकटया मिटी धुंध जग चानन होया , ऐसा गुरू वडभागी पाया भूले मार्ग जिन्हें बताया, कल तारण गुरु नानक आया  सहित अन्य शब्द प्रस्तुति से गुरु नानक देव की महिमा का वर्णन किया गया।

कथावाचकों ने प्रवचन द्वारा गुरु नानक देव के जीवन पर प्रकाश डाला और संगत को बताया कि गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के दस गुरुओं में से पहले गुरु थे। सन 1469 में कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को उनका जन्म हुआ था। दुनिया भर में उनके जन्म को गुरु पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक देव की जीवन गाथा सुनाते हुए श्रद्धालुओं को गुरु साहिब के दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

वाहे गुरू के जयकारों से गूंजते दीवान हाल के बाहर माथा टेकने के लिए दिन भर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।  कीर्तन दरबार की समाप्ति पर श्रद्धालुओं में गुरु का लंगर वितरित किया गया। इसके अलावा फल व मिष्ठान भी बांटे गए। प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर संगत ने मोमबत्तियां जलाकर खुशियां जाहिर की।