लालच व डर के कारण साइबर फ्रॉड का शिकार न बनेः एडीसी नरेंद्र कुमार
सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर कार्यशाला आयोजित।
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रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने कहा कि डिजिटल युग में लालच व डर के कारण प्राय नागरिक साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते है। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय हमेशा सतर्क रहे, गलत साइट पर धनराशि न भेजे तथा अनजान वीडियो कॉल का जवाब न दें। साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दें। हर नागरिक कम से कम 10-10 व्यक्तियों को साइबर फ्रॉड से बचाव बारे जागरूक करें।
एडीसी नरेंद्र कुमार स्थानीय एमडीयू स्थित राधाकृष्णन सभागार में एनआईसी द्वारा सुरक्षित इंटरनेट दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थितगण को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला का उद्देश्य साथ मिलकर एक बेहतर इंटरनेट के लिए जागरूक करना है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशी शेखर ने भी साइबर फ्रॉड से बचाव के महत्वपूर्ण उपायों पर प्रकाश डाला।
एडीसी नरेंद्र कुमार ने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए जरूरी है कि हम लालच में न आए तथा डिजिटल साक्षरता को सभी तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि लालच के कारण ही हम किसी भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते है। उन्होंने उदाहरण सहित साइबर फ्रॉड से बचाव बारे उपाए बताये। उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान हमेशा सतर्क रहने की बात कही। शॉपिंग के दौरान पेमेंट करते समय संबंधित साइट की जांच कर लें तथा यह सुनिश्चित करें कि किसी भी गलत साइट पर धनराशि न भेजे। ऑनलाइन माध्यम से पेमेंट लेते समय कभी भी ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड का दूसरा तरीका व्यक्ति में डर पैदा करके उनका धन लूटना है। साइबर अपराधी वीडियो कॉल के माध्यम से व्यक्ति का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करते है। इसलिए किसी भी अनजान वीडियो कॉल को अटेंड न करें तथा डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने से स्वयं को बचाए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशी शेखर ने कहा कि आमतौर पर तीन तरीकों से साइबर फ्रॉड किया जा रहा है। इनमें साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को अपनी राशि निवेश कर कई गुणा रिटर्न देने के नाम पर ठगा जाता है। पार्सल में ड्रग्स इत्यादि का डर दिखाकर भी नागरिकों के साथ साइबर फ्रॉड किया जा रहा है। ऑनलाइन पार्सल मंगवाने वाले नागरिकों को साइबर अपराधियों द्वारा फोन करके डराया जाता है कि उनके पार्सल में ड्रग्स मिली है तथा सजा से बचने के लिए धनराशि वसूली जाती है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कई बार रिश्तेदारों के नाम पर भी झूठी खबर देकर लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया जाता है। अनजान व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति के पास फोन करके यह सूचित किया जाता है कि उनका रिश्तेदार किसी दुर्घटना में घायल हो गया है और उसके इलाज के लिए अपने बैंक खाते में धनराशि भेजने को कहा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कॉल प्राप्त होने पर इसकी पूरी तरह पड़ताल करें तथा भयभीत न हो। यह हमेशा ध्यान रखें किसी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी सूचना व अपने दस्तावेज कभी भी साझा न करें। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड के एक अन्य तरीके के तहत व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर भी लोगों को यह फाइल डाउनलोड करने को कहा जाता है। जैसे ही व्यक्ति इस एपीके फाइल को डाउनलोड करता है तो राशि निकाल ली जाती है।
साइबर फ्रॉड के बारे में साइबर अपराध के एसएचओ राजेश ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। डीआईओ महेश भारद्वाज ने अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशी शेखर का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने एनआईसी के डॉ. नवीन कुमार के साथ पीपीटी के माध्यम से उपस्थितगण को साइबर अपराध का शिकार होने से बचाव के तरीके बताये।