दोआबा कालेजमें ग्लोबल फूड प्रौडेक्शन में क्रांति पर सैमीनार आयोजित
जालन्धर, 16 सितम्बर, 2024: दोआबा कालेज के बायोटैक्नोलॉजी विभाग द्वारा ग्लोबल फूड प्रौडेक्शन में क्रांति विषय पर सैमीनार का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. रविन्द्र शर्मा- प्रसिद्ध फूड टैक्नालॉजिस्ट एवं बायोटैक्नालॉजिस्ट एक्सर्पट-टैटरापैक स्वीडन बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुए ।
डॉ. रविन्द्र शर्मा ने बायौफार्मास्यूटिकल सैक्टर, फूड टैक्नालॉजी के क्षेत्र एवं बायोटैक्नालॉजी में तेजी से प्रचलित हो रही इनौवैटिव फूड प्रौडेक्शन तकनीकों पर प्रकाश डाला । उन्होंने टैटरापैक तकनीक के इस्तेमाल द्वारा प्लांट बेसड पौधों से दूध निकालने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इससे हम बादाम और जई का दूध, हाई टैम्परैचर एवं हाई प्रैशर प्रौसैसिंग तकनीक द्वारा बिना उसकी गुणवत्ता खराब किये ज्यादा समय तक उसे स्टोर कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि इस विशेष सामूहिक होमोजीनाईजैशन टैक्नोलॉजी द्वारा विभिन्न डेयरी प्रौडैक्टस को उनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू सहित ज्यादा देर तक स्टोर करके इस्तेमाल कर सकते हैं । उसी तकनीक द्वारा विभिन्न फ्रूट जूसस को भी बिना प्रिजरवैटिवस इस्तेमाल किये उनकी गुणवत्ता को कायम रखा जा सकता है । इसके अन्तर्गत किसी भीफ्रूटजूस को 135 डिग्री सैंटीग्रैट से 150 डिग्री सैंटीग्रैट तक कुछ सैकण्डस के लिये गर्म किया जाता है ताकि उनमें मौजूद इन्सान को नुकासन पहुँचाने वाले बैक्टीरिया को खत्म किया जा सके । इसके उपरांत उक्तफ्रूट जूस की गुणवत्ता तो बरकरार रहती ही है और उसकी शैल्फ लाईफ भी बढ़ जाती है । इन नई टैटरापैक तकनीकों द्वारा हम खाद्य पदार्थों को बिना रैफरीजिरैशन किये ज्यादा समय तक इस्तेमाल कर सकते है । इसके अलावा उपरोक्त क्षेत्र में विद्यार्थियों के उपलब्ध विभिन्न रोजगार के मौकों के बारे में भी बताया।
प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी ने कहा कि आज के साईंस के विद्यार्थियों को अपने अंदर अनिवार्य मॉडर्न टैक्नालॉजी के महत्व को समझते हुए स्किल डिवैल्प करने पड़ेंगे ताकि वह ऐसी नई क्रांतिकारी फूड प्रौडेक्शन टैक्नालॉजी के अहम भागीदार बनकर विश्व की ग्लोबल फूड प्रौडेक्शन की समस्या को अपनी काबलियत से समय रहते दूर कर सके ।