डिजिटल अरेस्ट से घबराएं नही, 1930 पर करें शिकायत दर्जः एसपी हिमांशु गर्ग
साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर मिल रही डिजिटल अरेस्ट से ठगी की शिकायतें।
रोहतक, गिरीश सैनी। जिला पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने बताया कि कोई कॉल कर आपके बेटे या बेटी का नाम लेकर कहा जाए कि वह कहां है और अगले ही पल कहा जाए कि मैं नारकोटिक्स विभाग, सीबीआई या पुलिस से बोल रहा हूं और आपका बच्चा हमारी हिरासत में है, उसे ड्रग्स या अन्य किसी गतिविधि में शामिल होने के कारण पकड़ा गया है। अथवा, आपके नाम विदेश से पार्सल आया और उसमे आपतिजनक वस्तु होने की बात कही जाए तो तुंरत सतर्क हो जाये। यह साइबर ठगों का काम हो सकता है। साइबर ठग आपको डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का शिकार बना सकते हैं। ऐसे हालात में घबराए नहीं, सचेत रहें और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों द्वारा अपनाया जाने वाला ठगी का नया तरीका है। इन मामलों मे ठग किसी सरकारी एजेंसी का अफसर या पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल करते है। वीडियो कॉल के बैकग्राउंड को किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लिया जाता है, जिसे देखने वाला व्यक्ति डर जाता है और उनकी बातों में आ जाता है। इसमें पीड़ित को फोन कर झूठे मामले में पहले काफी डराया जाता है और कहा जाता है कि उस पर मामला दर्ज किया जा रहा है। इसमें वीडियो कॉलिंग द्वारा पीड़ित को घर में बंधक बना लिया जाता है। ठगों द्वारा व्यक्ति को 24 घंटे उनके संपर्क में रहने के लिये सर्विलांस पर फोन या वेबसाइट के जरिये नजर रखने की बात कही जाती है। अपराधी इस दौरान आपको वीडियो कॉल से हटने भी नहीं देता और न ही किसी को कॉल करने देते है। लंबी सजा और बड़े जुर्माने व समाज में अपमानित होने के डर से पीड़ित ठगों द्वारा कही हर बात को फॉलो करता है। इस दौरान ठग केस को रफा-दफा करने के लिए उससे पैसे मांगते हैं और पीड़ित उसे रकम भी दे देता है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट मे पीड़ित को स्काइप आदि के माध्यम से निगरानी में रखा जाता है और ठगी के बाद ही उसे मुक्त किया जाता है। राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट की शिकायतो में अपराधी खुद को पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स विभाग, सीबीआई, आरबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के अधिकारी बताकर धमकी, ब्लैकमेल, जबरन वसूली और डिजिटल अरेस्ट जैसी वारदातों को अंजाम देते है। उन्होंने जनमानस को चेताया कि ऐसे जालसाजों से बचकर रहें और इस प्रकार की घटना होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं।