समाचार विश्लेषण/लखीमपुर खीरी को पर्यटन न बनाइए 

समाचार विश्लेषण/लखीमपुर खीरी को पर्यटन न बनाइए 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
कितनी सुंदर अपील कि लखीमपुर खीरी को पर्यटन स्थल न बनाइए । कौन कर रहा है यह अपील ? पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पौत्र और मंत्री सिद्धार्थ सिंह । भूल गये कि दादा ने क्या नारा दिया था ? जय जवान , जय किसान और आप किसान के दर्द और मृत्यु को पर्यटन न बनाइए कह रहे हैं ? पर्यटन बनाया किसने ? आपके गृह राज्यमंत्री के बेटे ने और सारे मीडिया ने ज़ोर लगा रखा है उसे बेगुनाह साबित करने का । क्यों ? क्या मीडिया बचे सका एफ आई आर दर्ज होने से ? बाप बेटे दोनों के नाम हैं एफ आई आर में । क्यों ? और जो वीडियो वायरल हो रहे हैं गाड़ी चढ़ाने के ? कैसा पर्यटन ? गोरखपुर को भी पर्यटन नहीं बनाने देने की अपील की जाती रही । अस्पताल तक नहीं पहुंचने दिया गया विपक्ष को तब भी । 
उत्तर प्रदेश में कुछ भी अशोभनीय हो जाये तो विपक्ष के लिए वह पर्यटन ही मान लिया जाता है । सरकार , मंत्री, अधिकारी और सत्ता पक्ष जा सकता है विपक्ष नहीं । प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाते बीच राह में रोक कर सीतापुर के रेस्ट हाउस पहुंचा दिया जहां वे सफाईगिरी करती  नज़र आईं । यही नहीं हरियाणा के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा जो प्रियंका गांधी के साथ गये थे उनके साथ भी धक्का मुक्की की गयी और वीडियो वायरल हुआ साफ साफ ।  इससे और दुष्प्रचार हुआ । अखिलेश को घर से बाहर ही घेर लिया और जयंती चौधरी को भी बीच राह हिरासत में ले लिया गया । मायावती ने जाने की कोशिश ही नहीं की । विपक्ष के साथ ऐसा सलूक ? पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी लखीमपुर जाने नहीं दिया गया । आप के संजय सिंह की भी राह रोक ली गयी । फिर भाजपा पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी को क्यों दोष देती है जब वे प्रदर्शन दबाने की हर कोशिश करती हैं ? वहां किस लोकतंत्र की दुहाई देते हो और अगर किसी दूसरे राज्य में ऐसी ही अप्रिय घटना हो जाये और भाजपा नेतृत्व को वहां से जाने से रोका जाये तब कैसा लगेगा ? यह लोकतंत्र की दुहाई फिर वहां दोगे आप ? नहीं दे सकेंगे । बोये पेड़ बबूल के , आम कहां से होय ? दिल्ली में किसानों के धरने को हटाने के लिए कितनी बार सुप्रीम कोर्ट का दखल करवाओगे ? लखीमपुर खीरी पर्यटन स्थल नहीं है सिद्धार्थ जी । यह किसानों के लिए कब्रगाह बना दिया आपके मंत्री के बेटे ने । फिर आप विपक्ष को रोकने में लगे हो ? जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि लखीमपुर खीरी क्या नया पाकिस्तान है देश में ?  पहले कैराना को पाकिस्तान कहते आ रहे हो ?जहां कोई विपक्षी नेता जा नहीं सकता ? योगी जी जो फसल बो रहे हो , उसे काटना भी पड़ेगा । याद है कैसे आपको पश्चिमी बंगाल से वापस आना पड़ा था ? क्या वह लोकतंत्र था ? नहीं न । यह लोकतंत्र है जो आप विपक्षी नेताओं को रोक रहे हो ? यह सरासर लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा कृत्य है । जब जब ऐसी जघन्य बातें होंगी विपक्ष विरोध जताने आयेगा और आप इस तरह से रोकने की कोशिश करते रहोगे ? जब कभी विपक्ष में बैठने की मजबूरी आ गयी तो आप क्या करोगे ? इनकी तरह रेस्ट हाउस में झाडू लगाओगे या लोकतंत्र लोकतंत्र की मांग उठाओगे ? समय बड़ा बलवान है और गोदी मीडिया को भी सोशल मीडिया कड़ी टक्कर दे रहा है । आपकी चाल और दाल अब गल नहीं रही । इसलिए संविधान द्वारा दिये अधिकारों पर अंकुश मत लगाइए । नहीं तो ये खड्डे आपके भी काम आएंगे । 
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी का ।