सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के चलते प्रतिकूल आदेश पारित न किए जाने का किया अनुरोध।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

नई दिल्ली, गिरीश सैनी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश, माननीय डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, को पत्र लिखकर अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कारण 22 जनवरी 2024 को कोई प्रतिकूल आदेश नहीं होने के लिए सार्वजनिक अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया है।

माननीय मुख्य न्यायाधीश को लिखे ईमेल में डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की ओर से अनुरोध किया है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के चलते सुप्रीम कोर्ट की सभी पीठों को 22 जनवरी 2024 को सूचीबद्ध किसी भी मामले में गैर-उपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न करने की सलाह दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अपने पत्र द्वारा किसी भी मामले में वकील या वादी, किसी की भी अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किए जाने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि भले ही मुख्य पूजा-अर्चना अयोध्या में हो, लेकिन साथ ही भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना होगी। श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न देश-विदेश में सुबह से शुरू होकर देर शाम तक चलेगा। साथ ही कई माननीय न्यायाधीशों और वरिष्ठ कानून अधिकारियों को अयोध्या में आमंत्रित किया गया है और वे वहां पूजा-अर्चना भी कर सकते हैं।

डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स, लंदन का अध्यक्ष होने के नाते उन्हें भी इस भव्य समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है और वह अयोध्या में इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और अधिकांश राज्य सरकारों (यहां तक कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार) ने भी नागरिकों को इस भव्य समारोह में भाग लेने का अवसर प्रदान करने के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की ओर से माननीय मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया गया है कि वे इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को एक सार्वजनिक अधिसूचना जारी करने की सलाह दें।