`अब हुई न बात'

`अब हुई न बात'

पन्द्रह पुस्तकों के प्रकाशन के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले फगवाड़ा निवासी लेखक डा.जवाहर धीर की लघुकथाओं की नवीनतम प्रकाशित पुस्तक "अब हुई न बात" मिलने के पश्चात उसकी एक समीक्षा कुछ दिन पूर्व मैंने एक साहित्यक ग्रुप `पाठक मंच' में पोस्ट की थी। उसी दिन मुझे एक अनजान मोबाइल नंबर से फ़ोन आया। दूसरी तरफ से मथुरा से डॉ दिनेश पाठक शशि बोल रहे थे। उन्होंने मेरे द्वारा लिखी गई समीक्षा की खूब प्रशंशा की और मुझे बताया कि अब तक उनकी 34 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने मुझ से मेरा पता माँगा और बताया कि वे मुझे 2022 में प्रकाशित अपनी पुस्तकें भेजना चाहते हैं। और, उनके द्वारा भेजी गई तीन पुस्तकें (साथ में चित्र भी देखें) )अभी-अभी मुझे स्पीड पोस्ट द्वारा प्राप्त हुई हैं। मुझे महसूस हो रहा है जैसे कि डा.जवाहर धीर की पुस्तक की समीक्षा लिखने के  बदले में मुझे डॉ दिनेश पाठक शशि ने अपनी तीन पुस्तकें उपहार स्वरूप भेंट की हैं। ऐसा उपहार तो मुझे जीवन में कभी नहीं मिला। अंत में बस यही कहना चाहूंगा।
अब हुई न बात!
-मनोज धीमान