डॉ. रितु यादव ने इंटरओएनसी 2025 में पेश किया शोधपत्र

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के जेनेटिक्स विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रितु यादव ने "हरियाणा, उत्तर भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बारे में जागरूकता और ज्ञान" शीर्षक से अपना शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरओएनसी 2025 में प्रस्तुत किया।
बायो बैंक इंडियन फाउंडेशन कैंसर केयर, दिल्ली और साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, दिल्ली द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की मेजबानी एसएयू, दिल्ली के जीवन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी संकाय ने की। डॉ. रितु यादव ने अपने शोध कार्य में बताया कि जागरूकता फैलाकर और प्रभावी प्रारंभिक जांच के कार्यान्वयन से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बोझ को कैसे कम किया जा सकता है। भारत जैसे विकासशील देशों में जांच और उपचार की कम लागत एक आवश्यकता है। उनका अध्ययन इस बात का प्रमाण देता है कि जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य शिक्षा की पेशकश से शुरुआती अवस्था में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने की लागत में काफी कमी आ सकती। उल्लेखनीय है कि डॉ. रितु यादव के प्रतिष्ठित कैंसर और आणविक और आनुवांशिकी संबंधी पत्रिकाओं में 40 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।