डॉ. सुनील कुमार बने जीएनडीयू के हिन्दी-विभाग के अध्यक्ष
अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिन्दी-विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. सुनील कुमार ने 14 मार्च, 2023 को बतौर विभागाध्यक्ष कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विश्वविद्यालय की सिंडीकेट से अनुमोदन के बाद अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए गये हैं। डॉ. सुनील कुमार को यूजीसी की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत फरवरी 25, 2021 से बतौर एसोसिएट प्रोफ़ेसर पदोन्नत किया गया था।
डॉ. कुमार ने बताया कि विभाग में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के निर्माण पर जोर, स्नातकोत्तर स्तर पर ही शोध- अभियोग्यता का विकास करना,नयी शिक्षा नीति के अनुरूप तकनीक-अनुकूल दक्षता प्रदान करना,विभाग/संस्थान के लिए राजस्व/आय जुटाना,अंतरविषयक अध्ययन और तुलनात्मक अध्ययन को बढ़ावा देना,विस्तार गतिविधियों का आयोजन,परस्पर भागीदारी आधारित शिक्षण, सहकर्मियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों को दक्षता-विस्तार के लिए प्रोत्साहित करना, विभाग को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए प्रयास करना, हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में तालमेल में वृद्धि के प्रयास,पंजाब प्रांत के हिन्दी लेखन को प्रोत्साहित करना, विद्यार्थियों का हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रति दिल से जुड़ाव बढ़ाना,'नयी दुनिया,नया भारत,नयी हिन्दी' के अनुकूल योग्यता-विस्तार करना,न केवल हिन्दी बल्कि भारतीय साहित्य में अभिव्यक्त जीवन-मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना, सांस्कृतिक चेतना का विकास करना आदि उनकी प्राथमिकताएं रहेंगी।
डॉ.सुनील कुमार ने अपनी इस नियुक्ति के लिए गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के यशस्वी कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.)जसपाल सिंह संधू का विशेष आभार जताया और कहा कि उनके कुशल निर्देशन और प्रेरणा से विश्वविद्यालय निरंतर नये आयाम छूता जा रहा है।
डॉ.सुनील कुमार ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन सहित परिजनों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों, सहयोगियों, सहकर्मियों, मित्रों, शिक्षकों का धन्यवाद प्रकट किया है। इस अवसर पर हिन्दी और साहित्य जगत के अनेक प्रतिष्ठित विद्वानों तथा गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें बधाई देते हुए डॉ.सुनील कुमार के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। ईश्वर की असीम अनुकम्पा के प्रति कृतज्ञता जताते हुए डॉ.सुनील कुमार ने पहले की तरह अपना हर दायित्व बखूबी निभाने का आश्वासन दिया है।
बताते चलें कि डॉ.सुनील कुमार विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक कमेटी के सदस्य, डॉमा क्लब के प्रभारी और ईओसी-पीडबल्यूडी के नोडल अधिकारी भी हैं। इन्होंने अनेक बेहतरीन आनलाइन कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया है। अभी तक इनकी चार पुस्तकों सहित 100 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।इनकी 'संत गरीबदास' संज्ञक पांडुलिपि इंडिया नेटबुक्स से प्रकाशित हुई है। इनकी संपादित पुस्तक 'गद्य-सौरभ' को स्नातक के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। डॉ. सुनील के सुयोग्य निर्देशन में 49 शोधार्थी एम.फिल.और 6 शोधार्थी पीएच.डी. संपन्न कर चुके हैं। 6 शोधार्थी फिलहाल अपना पीएच.डी. का कार्य कर रहे हैं। दूरदर्शन और आकाशवाणी के कार्यक्रमों से भी इनका निरंतर जुड़ाव रहता है। सर्जनात्मक लेखन के रूप में भी लेख-प्रलेख समाचार-पत्र, पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों/ विस्तार भाषणों/कार्यशालाओं में सक्रिय भागीदारी रखते हैं। इनकी साहित्यिक, सामाजिक और शोधपरक गतिविधियों के लिए विभिन्न मान-सम्मान एवं पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। ये बतौर मूल्यांकनकर्ता/परीक्षक /पर्यवेक्षक और परामर्शदाता कई विश्वविद्यालयों, बोर्डों और संस्थानों से जुड़े हैं। डॉ. सुनील कुमार राष्ट्रीय महत्व की अनेक संस्थाओं और मंचों के पदेन सदस्य भी हैं।
डॉ. सुनील ने कहा कि वे विभाग और विश्वविद्यालय की तरक्की में हर संभव कोशिश करेंगे। डॉ. कुमार ने सभी को साथ लेकर विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प किया। इस अवसर पर हिन्दी- विभाग के सभी प्रोफसर (डीन भाषा संकाय एवं एचआरडीसी की निदेशक प्रोफेसर सुधा जितेंद्र, डॉ. सुनीता शर्मा, डॉ. सपना शर्मा) , शोधार्थी, विद्यार्थी तथा विश्वविद्यालय के अनेक विभागों के प्रोफेसरों (पंजाबी विभाग से अध्यक्ष डॉ. मनजिन्दर सिंह, डॉ. हरविंदर सोहल, डॉ. मेघा सलवान, फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह, बायोटेक्नोलॉजी विभाग से डॉ. प्रकाश चंद्र मिश्रा, टैक्सटाइल इंजीनियरिंग विभाग से डॉ. सचिन कुमार, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग से डॉ. कुलदीप बराड़, डॉ. राजनदीप सिंह, संस्कृत विभाग से डॉ. विशाल भारद्वाज, उर्दू एवं पर्सियन विभाग से डॉ. रेहान हसन, विदेशी भाषाएं विभाग से डॉ. सुनयना, गुरु नानक अध्ययन विभाग से डॉ. मुहब्बत सिंह, सोशियोलोजी विभाग से डॉ. जी.एस.बाजवा, रंगकर्मी और निर्देशक कंवल रंधेय, कलाकार बचनपाल सिंह, स्टूडेंट एक्टिविटी कल्ब के को आर्डिनेटर हरप्रीत सिंह, नरेंद्र चौहान आदि सहित जालंधर से सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अजय शर्मा व श्री तरसेम गुजराल, स्थायी लोक अदालत, अमृतसर के चेयरमैन नरेश मोदगिल, समाजसेवी और शिक्षाविद रविंद्र पठानिया, परिजनों में धर्मपत्नी पिंकी रानी दीक्षित, पुत्र सक्षम व पुत्री सृष्टि भी उपस्थित रहे |