जीएनडीयू,अमृतसर के हिन्दी-विभाग में कार्यरत डॉ.सुनील कुमार बतौर एसोसिएट प्रोफ़ेसर पदोन्नत

जीएनडीयू,अमृतसर के हिन्दी-विभाग में कार्यरत डॉ.सुनील कुमार बतौर एसोसिएट प्रोफ़ेसर पदोन्नत
डॉ.सुनील कुमार।

अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिन्दी-विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. सुनील कुमार को यूजीसी की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत फरवरी 25, 2021 से बतौर एसोसिएट प्रोफ़ेसर पदोन्नत किया गया है। विश्वविद्यालय की आज संपन्न हुई सिंडीकेट की बैठक में पारित होने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा इस आशय का पत्र  जारी कर दिया गया है।

डॉ.सुनील कुमार ने बतौर एसोसिएट प्रोफ़ेसर विभाग में कार्यभार ग्रहण कर लिया है।डॉ.सुनील कुमार ने बताया कि विभाग में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के निर्माण पर जोर, स्नातकोत्तर स्तर पर ही शोध- अभियोग्यता का विकास करना,नयी शिक्षा नीति के अनुरूप तकनीक-अनुकूल दक्षता प्रदान करना,विभाग/संस्थान के लिए राजस्व/आय जुटाना,अंतरविषयक अध्ययन और तुलनात्मक अध्ययन को बढ़ावा देना,विस्तार गतिविधियों का आयोजन,परस्पर भागीदारी आधारित शिक्षण, सहकर्मियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों को दक्षता-विस्तार के लिए प्रोत्साहित करना, विभाग को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए प्रयास करना, हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में तालमेल में वृद्धि के प्रयास,पंजाब प्रांत के हिन्दी लेखन को प्रोत्साहित करना, विद्यार्थियों का हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रति दिल से जुड़ाव बढ़ाना,'नयी दुनिया,नया भारत,नयी हिन्दी' के अनुकूल योग्यता-विस्तार करना,न केवल हिन्दी बल्कि भारतीय साहित्य में अभिव्यक्त जीवन-मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना, सांस्कृतिक चेतना का विकास करना आदि उनकी प्राथमिकताएं रहेंगी।डॉ.सुनील कुमार ने अपनी इस नियुक्ति के लिए गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के यशस्वी कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.)जसपाल सिंह संधू का विशेष आभार जताया और कहा कि उनके कुशल निर्देशन और प्रेरणा से विश्वविद्यालय निरंतर नये आयाम छूता जा रहा है।डॉ.सुनील कुमार ने इस अवसर पर परिजनों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों, सहयोगियों, सहकर्मियों, मित्रों, शिक्षकों सहित गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय,रोहतक का हार्दिक आभार प्रकट किया है।इस अवसर पर हिन्दी और साहित्य जगत के अनेक प्रतिष्ठित विद्वानों तथा शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें बधाई देते हुए डॉ.सुनील कुमार के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।ईश्वर की असीम अनुकम्पा के प्रति कृतज्ञता जताते हुए डॉ.सुनील कुमार ने पहले की तरह अपना हर दायित्व बखूबी निभाने का आश्वासन दिया है।

बताते चलें कि डॉ.सुनील कुमार विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक कमेटी के सदस्य, डॉमा क्लब के प्रभारी और ईओसी-पीडबल्यूडी के नोडल अधिकारी भी हैं।वे राष्ट्रीय महत्त्व की अनेक संस्था/संस्थानों से जुड़े हुए हैं।कोरोनाकाल में इन्होंने अनेक बेहतरीन आनलाइन कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया है।इन्हें अनेक मान-सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।इनकी दो पुस्तकों सहित 90 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।इनकी 'संत गरीबदास' संज्ञक पांडुलिपि को हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला द्वारा प्रकाशनार्थ स्वीकृत किया गया है।इनके निर्देशन में ४९ शोधार्थी एम.फिल.और ४ शोधार्थी पीएच.डी. संपन्न कर चुके हैं।६ शोधार्थी फिलहाल अपना पीएच.डी. का कार्य कर रहे हैं।डॉ.सुनील कुमार ने यह उपलब्धि अपने गुरुवर परम श्रद्धेय दिवंगत प्रोफ़ेसर (डॉ.) रामसजन पांडेय जी को समर्पित की है जो उनके लिए सदैव प्रेरणा-पुंज रहे हैं।