डॉ. विपिन गुप्ता की चेतना और अवचेतना पर  नई किताबें मार्केट में आईं

प्रोजेक्ट विपिन (वास्टली इंटिग्रेटेड प्रोसेस इनसाइड नेचर) ने एक कदम आगे बढ़ाया

डॉ. विपिन गुप्ता की चेतना और अवचेतना पर  नई किताबें मार्केट में आईं
डॉ. विपिन गुप्ता।

नई दिल्ली: भारतीय-अमेरिकी लेखक डॉक्टर विपिन गुप्ता को कुदरत में व्यापक रूप से एकीकृत प्रक्रियाओं की खोज की दिशा में अपने कार्यों के लिए ग्लोबल लेवल पर पहचान मिल चुकी है। अब इस प्रोजेक्ट पर उनकी 2 नई पुस्तकें मार्केट में आ गई हैं।  उनकी नई किताबें चेतना और अवचेतना के सबसे ज्यादा डिमांड वाले विषयों के इर्द-गिर्द मदर नेचर के छिपे हुए रहस्यों में गहराई से गोता लगाकर मोती चुनकर हमारे सामने आती है।

 

उनकी चार किताबें पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसमें उन्होंने दैवीय ऊर्जा और मौजूदा वास्तविकता के मुद्दों को स्पर्श किया था। उनकी लेखन में आधुनिक विज्ञान और प्राचीन धार्मिक और आध्यात्मिकता में गहरा आंतरिक संबंध नजर आता है। एक तरफ वह आधुनिक विज्ञान के नए नियमों को चुनौती देते हैं, दूसरी ओर वह हमारे इर्द-गिर्द मौजूद चीज के विस्तृत विवरण में मेटाफिजिक्स का इस्तेमाल करने की व्याख्या करते हैं।

 

डॉ.विपिन गुप्ता कहते है, “मेरी पांचवी किताब, What is Consciousness चेतना, आत्मा, अस्तित्व, स्थान और समय की गुप्त मूल तत्व के रहस्य का पर्दाफाश करती है। इस पुस्तक मैं मैने यह व्याख्या की है कि अलग-अलग भागों में बंटी चेतनावस्था को समय के तीन आयामों, स्थान के चार आयामों, अस्तित्व के तीन आयामों का कैसे मूल्यांकन किया जाए, उन्हें कैसे संगठित किया जाए और कैसे अलग-अलग टुकड़ों में बंटी चेतना से निजात पाई जाए।  जबकि What is Para Consciousness जीवन के उस गुप्त डोर का खुलासा करती  है, जो हमारी अवचेतना में छिपी रहती है। इस वर्ष मेरी योजना प्रोजेक्ट विपिन के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए 6 किताबें और लिखने की है।“

 

डॉक्टर गुप्ता ने अपने साहित्यिक कार्यों में कुदरत के छिपे हुए रहस्यों की व्याख्या करते हुए आधुनिक विज्ञान के प्रति प्रबंधवादी नजरिया अपनाया है। मदर नेचर के छिपे हुए रहस्यों की व्याख्या करने और कुदरत में मौजूदा समय में हो रही प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक आधुनिकता से संबंध जोड़ने के लिए मैनेजमेंट की अप्रोच का सहारा लिया है। शिक्षाविद के रूप में उनका मानना है कि विज्ञान का कोई उद्देश्य नही है और  माइंड की किसी भी थ्योरी का अपनी पूरी चेतना का प्रयोग करते हुए प्रबंधन करने की जरूरत है। उनका विश्वास है कि वैज्ञानिक उद्देश्य को मनुष्य के कार्य स्वतंत्र न होने की शास्त्रीय धारणा के आधार पर खारिज कर  देते हैं और आत्मचेतना को आधुनिक विज्ञान का मूल तत्व मानते है। इसलिए वह वैज्ञानिक प्रबंधन का दृष्टिकोण अपनाने की जगह विवेकपूर्ण ढंग से मैनेजमेंट का नजरिया अपनाने की सिफारिश करते हैं।

 

डॉक्टर गुप्ता के अनुसार ऊर्जा के अलग-अलग मूल्य होते हैं क्योंकि हम चेतना के अलग-अलग रूपों में ऊर्जा के मूल्य को संशोधित करते हैं। न्यूट्रॉन, अणु और कोशिका, ऊर्जा के गैरसंशोधित मूल्य को मूर्त  रूप देते  हैं। वह भारत के प्राचीन ज्ञान, बुद्धिमत्ता और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय विज्ञान की अवधारणा से अपने ऊर्जा संबंधी मूल्यों की पुष्टि करते हैं। वह रोजमर्रा की जिंदगी  में दैवीय ऊर्जा के इस्तेमाल को विवेकपूर्ण ढंग से विकसित करने के लिए प्रबंधवादी नजरिया अपनाते हैं।

 

उनकी पांचवीं किताब What is Consciousness में यह व्याख्या की गई है कि हम अपनी असलियत से अज्ञात है क्योंकि हम भविष्य के खुद निर्माता हैं। हमारी आत्मा भविष्य के प्रति सजग रहती है क्योंकि हमारी चेतनावास्था संगठनात्मक योजना को तय करती है। इससे हम यह मानने लगते हैं कि हमारे मनोवैज्ञानिक संबंध हमें मनुष्य बनाते हैं। इसी से हम में सामाजिक, मानवीय, पारिस्थितिकी, आर्थिक, राष्ट्रीय और मनोवैज्ञानिक नजरिये से सबके कल्याण के प्रति चिंतित रहने की भावना आती है। हमारे मनोवैज्ञानिक संबंध ही वह कारक हैं, जो हमें किसी चीज की खोज करने, कारोबार करने, अधीनस्थों के साथ व्यवहार करने और किसी चीज की खपत करने से जोड़ते हैं और ग्लोबल, अनोखी, समग्र और जिम्मेदार संस्थाओं को नष्ट करते हैं।

 

प्रोजेक्ट विपिन की सीरीज में सबसे हाल में लिखी हुई छठी किताब  What is Para Consciousness जीवन के उस गुप्त सूत्र का खुलासा किया है, जो हमारे अवचेतन मन में मौजूद रहता है। यह किताब हमारे अवचेतन मन की क्षमता की भी चर्चा करती है, जो मिओसिस, माइटोसिस और मेथनोजेनेसिस प्रक्रिया के माध्यम से बदलती है। यह हमारी ऊर्जा को अनंत रूप में प्रोजेक्ट करती है। वह स्पष्ट रूप से व्याख्या करते हैं कि कैसे हमारी अवचेतना भविष्य से उधार ली गई जागृतवस्था होती है। इससे जीवन के लक्ष्य को हमारे सामने आने में मदद मिलती है। हम भविष्य की क्षमताओं का जश्न मना सकते हैं। यह किताब इस बात को उभारती है कि किस तरह अवचेतना में  नेताओं और जनआंदोलन का निर्माण होता है।

 

डा. गुप्ता के अनुसार मदर नेचर का सार प्रोजेक्ट विपिन, (वास्टली इंटिग्रेटेड प्रोसेस इनसाइड नेचर) (कुदरत में व्यापक रूप से एकीकृत प्रक्रिया)  का सामान्य विषय है। प्रोजेक्ट विपिन में व्यक्ति की मंशा या उसके सोचने के ढंग का प्रबंध शक्ति का उपयोग कर उसके प्रभाव से होने वाली घटनाओं की उचित ढंग से व्याख्या की गई है। यह किसी व्यक्ति की भावनात्मकता से भरी चेतना के साथ इन घटनाओं के एकीकरण के नतीजे को उभारती है, या यह किसी व्यक्ति की चेतना को भक्तिभाव से भर देती है।

 

डॉ. विपिन गुप्ता की पहली चार पुस्तके, वॉट इज डिवाइन एनर्जी, वॉट इज प्रेजेंट रिएलिटी, इज प्रेजेंट रिएलिटी और इज डिवाइन एनर्जी अमेजन पर फुल और नटशेल संस्करण में उपलब्ध है। यह किताब अन्य वेबसाइट्स पर पेपरबैक, हार्डकवर, डिजिटल और ऑडियो फॉर्म में उपलब्ध है।

 

डॉक्टर (प्रोफेसर) विपिन गुप्ता मैनेजमेंट के प्रोफेसर हैं। वह सैन बर्नाडिनो की कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के जैक एच. ब्राउन कॉलेज ऑफ बिजनेस एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के सेंटर ऑफ ग्लोबल  मैनेजमेंट के सहायक निदेशक है। डॉ. गुप्ता ने पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से मैनेजिरियल साइंस और एप्लाइड इकनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री हासिल की है।