जीएनडीयू के ड्रामा क्लब की ओर से महिला दिवस के अवसर पर 'किताब' नाटक का मंचन
नाटक का लेखन और निर्देशन भी ड्रामा क्लब के द्वारा ही किया गया
अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के ड्रामा क्लब की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय-परिसर में 'किताब' नाटक का मंचन किया गया।इस नाटक में महिला जीवन के दर्द को बखूबी अभिव्यक्त किया गया है और कन्या भ्रूण हत्या, दहेज, बलात्कार, भेदभाव, असमानता आदि समस्याओं के आलोक में वर्तमान समाज, तंत्र की पोल खोली गयी है। गौरतलब है कि उक्त नाटक का लेखन और निर्देशन भी ड्रामा क्लब के द्वारा ही किया गया है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्वविद्यालय के ड्रामा क्लब की स्थापना की गयी है ताकि विद्यार्थी शिक्षण के साथ-साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकें और उनका हुनर खुलकर सामने आ सके।अब तक ड्रामा क्लब द्वारा 'अंधेर नगरी', 'मन का शहर', 'इश्क है', 'खामोश अदालत जारी है' आदि प्रसिद्ध नाटकों का कई बड़े मंचों पर सफल मंचन किया जा चुका है।कोविड-19 के दौर में भी ड्रामा क्लब द्वारा आनलाइन गतिविधियों का संचालन जारी रखा गया ताकि विद्यार्थियों को मनोरंजन के साथ ज्ञानार्जन की सुविधा उपलब्ध होती रहे।ड्रामा क्लब द्वारा सितंबर, 2020 में आनलाइन माध्यम से 'थियेटर वालाहज' के संयुक्त तत्वावधान में 'लर्न थियेटर थ्रू आनलाइन परर्फोमेंस', ' कोविड-19 के दौर में थियेटर' दो महत्वपूर्ण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।इन कार्यशालाओं में प्रसिद्ध रंगकर्मी, नाटककार श्री अरविंदर चामक, श्री गुरविंदर मखना, श्री मुश्ताक काक, श्री देवेंदर सिंह ने बतौर रिसोर्स पर्सन हिस्सा लिया।इन कार्यशालाओं में थियेटर वालाहज की ओर से सैफ गायत्री, टीना अग्रवाल, आकांक्षा खन्ना, प्रियंका गोयल आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर ड्रामा क्लब के प्रभारी, ईओसी-पीडबल्यूडी के नोडल अधिकारी और हिन्दी-विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर डॉ.सुनील कुमार ने कहा कि 'किताब' समसामयिक समस्याओं का ज्वलंत दस्तावेज है।जब तक समाज में ये चुनौतियां मौजूद हैं तब तक महिला सशक्तिकरण का स्वप्न अधूरा ही रहेगा।हमें अधिक संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि सभ्य और स्वस्थ समाज का संकल्प पूरा हो सके।21 वीं सदी के दो दशक बीत जाने के बावजूद ये प्रश्न समाज के सामने मुंह बाए खड़े हैं तथा हमें निरंतर कचोट रहे हैं।इस दौरान कोविड महामारी के मद्देनजर जारी दिशा-निर्देशों, प्रोटोकॉल का बखूबी पालन किया गया। डॉ.सुनील कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के यशस्वी उपकुलपति प्रोफ़ेसर जसपाल सिंह संधू के सुयोग्य नेतृत्व और प्रेरणा से इन गतिविधियों का निरंतर आयोजन विश्वविद्यालय में किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के डीन, अकादमिक मामले प्रोफ़ेसर एस.एस.बहल और डीन, छात्र कल्याण प्रोफ़ेसर हरदीप सिंह का बेहतरीन मार्गदर्शन इन गतिविधियों के आयोजन में महत्वपूर्ण रहा है।डॉ.सुनील कुमार ने इस शानदार प्रस्तुति के लिए कन्वीनर हरप्रीत सिंह, अतुल शर्मा व टीम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।मंचन के अवसर पर विश्वविद्यालय के अनेक प्रोफ़ेसर सहित विद्यार्थी मौजूद रहे।