समाज के ज्वलंत मुद्दों पर नाटक: मोनिका राणा 

समाज के ज्वलंत मुद्दों पर नाटक: मोनिका राणा 

-कमलेश भारतीय
समाज के ज्वलंत मुद्दों पर नाटक लिखती व मंचित करती हूँ। यह कहना है पोस्ट ऑफिस में कार्यरत युवा रंगकर्मी मोनिका राणा का। मोनिका राणा ने हाल ही में पर्यावरण को लेकर जिंदल‌ टावर में अपने ऑफिस के सहयोगियों के साथ नुक्कड़ नाटक किया।  मोनिका राणा मूल रूप से सोलन (हिमाचल प्रदेश) की निवासी है। स्कूल के बाद ग्रेजुएशन चंडीगढ़ के  सनातन थर्म काॅलेज से की और पोस्ट ऑफिस में जाॅब लग गयी। 
-फिर हिसार कैसे?
-हिसार मेरी ससुराल है और मेरे पति हैं  मोहित चुघ। हमारे दो बच्चे हैं - बेटी द्विविजा और डेढ़ साल का छोटा बेटा। 
-कैसे लिख लेती हो नाटक?
-समाज के ज्वलंत मुद्दों पर नाटक लिखती हूँ। 
-सबसे पहला नाटक कौन सा लिखा? 
-महिलाओं पर हो रहे एसिड अटैक पर, जिसे पोस्ट ऑफिस की नाटक प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का श्रेय मिला। गुहाटी और देहरादून तक नाटक मंचन का अवसर मिला । 
-यह नुक्कड़ नाटक कैसे? 
-सर्किल पोस्ट ऑफिस से पर्यावरण पर दस मिनट का वीडियो बनाने का सर्कुलर आया था सपरिटेंडेंट हरीश वर्मा के पास और मैंने नुक्कड़ नाटक तैयार कर दिया, जिसका प्रदर्शन जिंदल टाॅवर में रखा गया, जहाँ विभाग के अनेक कर्मचारी भी थे । 
-कितने कलाकार थे इसमें? 
-आठ। तीन महिलायें  मीनाक्षी कटारिया, कविता रानी और मैं। और पांच पुरुष कर्मचारी भी थे। जयसिंह, नरेश, सुनील, ज़िमेश और शंकर । 
-और कौन से नाटक लिखे? 
-द्रौपदी कृष्ण संवाद एकांकी और कठपुतली । कठपुतली दिव्यांग लड़की की व्यथा पर आधारित है। 
-कौन सी अभिनेत्री रोल माॅडल है? 
-माधुरी दीक्षित । 
-कौन सा नाटककार पसंद? 
-मैंने कम ही पढ़े हैं नाटक। आपकी कहानियां पढ़ी हैं जो बहुत अच्छी लगी और घर में सबको पढ़ने को दीं। 
-आगे क्या? 
-जैसे-जैसे नये मुद्दे मन को झकझोरते रहेंगे तब-तब लिखती रहूंगी।