समाचार विश्लेषण/ डुप्लीकेट फिल्मों में ही नहीं होते...
-*कमलेश भारतीय
यह भी अजब गजब खेल है कि फिल्मो में खतरनाक स्टंट तो करे डुप्लीकेट और तालियां व सीटियां बजती हैं हीरो के लिए । वाहवाही मिलती है हीरो को । फिर भी ऋतिक रोशन हो या फिर अजय देवगन या सन्नी या सुनील शेट्टी सुना है कि ये भी अपने स्टंट खुद करना पसंद करते हैं । इस चक्कर में ऋतिक और सन्नी पाजी की पीठ में दर्द रहने लगा है । वैसे तो सब जानते हैं कि क्रिकेट के भगवान् सचिन तेंदुलकर का भी एक डुप्लीकेट था, जो लुधियाना के अस्पताल में एक वार्ड ब्बाॅय मात्र था लेकिन सचिन के कारण चर्चित हो गया । इसी तरह दूर क्यों जायें अपने इस समय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डुप्लीकेट भी भगवान् ने बनाया है जो चुनाव के दिनों में दिखाई देता है । और भी डुप्लीकेट जरूर होंगे लेकिन जो सबसे हैरतअंगेज डुप्लीकेट चर्चा में आया है वह है राम रहीम का । बाकायदा भक्तों ने ही गुहार लगाई है हाईकोर्ट में कि इसकी जांच की जाये । हमारा राम रहीम असली नहीं रहा । शक है कि या तो किसी रहस्यमयी ढंग से अपहृत कर लिया या ऐसी भी आशंका कि मार ही न दिया गया हो । वीडियो दिखा कर राम रहीम के हाथ भी पहले वाले राम रहीम से नहीं मिलते ऐसा कहा जा रहा है । राम रहीम तो वीडियो शेयर कर रंगीन गुलाबी छतरी के नीचे मुस्कुराते दिख रहा है । अब कौन सच्चा , कौन झूठा ? क्या सुनारिथा जेल में सजा भुगत रहा राम रहीम नकली है या डुप्लीकेट है ? हालांकि अपने जेल मंत्री चौ रणजीत सिंह यह दावा कर रहे हैं कि यह असली राम रहीम ही है । पर यह पहेली बहुत मजेदार है । बताइए कौन है असली राम रहीम ? जो बताएगा , वह इनाम पायेगा । बहुत बड़ी बुझारत है यह ।
इस असली नकली के चक्कर में अगर कोई परिवार सबसे चिंतित हो सकता है वो है छत्रपति का परिवार । खतरा उनके लिए सबसे ज्यादा है । कहीं नकली असली के चक्कर में उनके साथ कुछ घट न जाये । इसलिए फरलो पर बाहर आते ही अंशुल छत्रपति का बयान भी आता है कि इस पाखंडी को इतनी मेहरबानी से पैरोल क्यो दी जा रही है ? हमारे परिवार पर मंडराते खतरे को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है ?
इस डुप्लीकेट की चर्चा के बीच राम रहीम की जीवन गाथा के वीडियो भी आ रहे हैं जिसमें कैसे शाह सतनाम से यह गुरगद्दी पाई ? अब यही कह सकते हैं कि क्या इतिहास अपने को दोहराने जा रहा है? क्या यह गुरगद्दी अब इसी प्रकार के विवादों में घिरती और फंसती जायेगी ? यह तो हाईकोर्ट ही जाने । पर जो भी डुप्लीकेट की कथा आ रही है, बहुत हैरतअंगेज तो है ही ...
डाॅन फिल्म की तरह डाॅन ही पूछ रहा है:
अरे दीवानों , मुझे पहचानो
मैं हूं कौन ?
मैं हूं डॉन ...
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।