किसी भी प्राकृतिक आपदा एवं दुर्घटना के दौरान प्राथमिक उपचार जरूरतमंद के लिए संजीवनी का कार्य करता हैः  प्रो. सोनिया मलिक

किसी भी प्राकृतिक आपदा एवं दुर्घटना के दौरान प्राथमिक उपचार जरूरतमंद के लिए संजीवनी का कार्य करता हैः  प्रो. सोनिया मलिक

रोहतक, गिरीश सैनी। किसी भी प्राकृतिक आपदा एवं दुर्घटना के दौरान प्राथमिक उपचार जरूरतमंद के लिए संजीवनी का कार्य करता है। सही समय पर प्राथमिक उपचार मिलने से अनमोल जीवन को बचाया जा सकता है। आज जरूरत है कि समाज का हर व्यक्ति प्राथमिक उपचार बारे जागरूक बनें। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के स्वराज सदन में यूथ रेड क्रॉस समिति द्वारा आयोजित बेसिक फर्स्ट एड ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ करते हुए यह उद्गार

एमडीयू के चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।

अपने प्रभावी संबोधन में प्रो. सोनिया मलिक ने जीवन में प्राथमिक उपचार के प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए विद्यार्थियों एवं एम्प्लाइज को प्राथमिक उपचार करने की प्रक्रिया की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के आयोजन के लिए यूथ रेड क्रॉस कार्यक्रम समन्वयक प्रो. अंजू धीमान और उनकी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि जूलोजी विभाग की अध्यक्षा प्रो. विनीता शुक्ला ने भी प्राथमिक उपचार बारे प्रशिक्षण कार्यक्रम को अहम बताते हुए यूथ रेड क्रॉस की इस आयोजन के लिए सराहना की।

यूथ रेड क्रॉस कार्यक्रम समन्वयक प्रो. अंजू धीमान ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बारे जानकारी दी। उन्होंने जीवन में प्राथमिक उपचार की महत्ता पर प्रकाश डाला। वाईआरसी काउंसलर डॉ. आशा शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और आभार जताया। वाईआरसी काउंसलर डा. धीरज खुराना ने आयोजन सहयोग दिया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में वाईआरसी कंसल्टेंट एमसी धीमान ने गोल्डन रूल्स ऑफ फर्स्ट एड विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। जरूरत के समय प्राथमिक उपचार दिए जाने बारे व्यावहारिक जानकारी प्रदान की और इस दौरान ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातों को साझा किया। फॉयर आफिस, रोहतक से फायर ऑफिसर राजबीर दलाल ने घर में सिलेंडर से आग लगने पर बचाव बारे प्रैक्टिकल जानकारी दी और आग बुझाने वाले यंत्र तथा फायर ब्रिगेड से पानी संचालन की प्रक्रिया बारे प्रशिक्षण दिया। इस कार्यक्रम में एमडीयू कर्मी एवं विद्यार्थी शामिल हुए।