समाचार विश्लेषण/नीचे धरती, ऊपर आसमान बीच में नशा और किसान
-*कमलेश भारतीय
बड़ी अजीब बात है । जहां एक फिल्मी बादशाह का बेटा आर्यन ड्रग्स यानी रेव पार्टी में पकड़ा जाता है । एक क्रूज पर सवार इस पार्टी की प्रवेश फीस कम से कम अस्सी हजार रुपये थी और ज्यादा से ज्यादा पांच लाख रुपये । आर्यन का कहना है कि वह तो मात्र मेहमान के तौर पर आमंत्रित था । यह पानी वाला जहाज मुम्बई से गोवा जा रहा था । इसके सीईओ ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि हमने इस रेव पार्टी का आयोजन नहीं किया । फिर भी बाइस लोग एनसीबी के पहुंच गये भेज बदल कर और आठ लोगों को धर दबोचा ।
शाहरुख खान का एक पुराना इंटरव्यू भी दिखाया जा रहा है सिम्मी ग्रेवाल के साथ जिसमें चौबीस साल पहले शाहरुख कह रहे हैं मज़ाक मज़ाक में कि मेरा बेटा ड्रग्स भी ले और भी जो बिगड़ैल बेटा कर सकता है , वह करे । आखिर बेटे ने पूरे चौबीस साल बाद इस मज़ाक को सच साबित कर दिखाया । अब किस बात का रोना ? बेटे ने बाप की इच्छा कर दी । सुनील शेट्टी आए बचाव में कि क्योंकि आर्यन एक बड़े स्टार का बेटा है , इसलिए मामला बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है । आखिर सेलिब्रिटी होने की कीमत तो चुकानी ही पड़ती है । बाकी सात लोगों की चर्चा इसीलिए नहीं कि वे किसी सेलिब्रिटी के साथ संबंध नहीं रखते हैं ।
सुशांत राजपूत की संदिग्ध हत्या /आत्महत्या के बाद से यह ड्रग्स और रेव पार्टी खूब चर्चा में आई हैं लेकिन स्टार संतानें सुधरती कहां हैं ? इन्हें लगता है कि सचमुच इनका बाप बादशाह है लेकिन भूल जाते हैं कि स्क्रीन पर बादशाह हैं , असल ज़िंदगी में नहीं । असल ज़िंदगी में वैसे भी कानून लागू होते हैं जो दूसरों पर लागू होते हैं । ये रेव पार्टियां फिल्मी दुनिया का घिनौना चेहरा हैं । चमकती दुनिया का अंधेरा पक्ष हैं ये पार्टियां । इनसे कैसे मुक्ति मिलेगी ? कितनी स्टार इसमें चर्चा में आई थीं -दीपिका पादुकोण से लेकर सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह तक । फिर गंदी फिल्मों के निर्माण में शिल्पा शेट्टी कै पति राज कुंद्रा का नाम उछला और जेल यात्रा भी करनी पड़ी। इन्हीं फिल्मी सितारों से हम राजनीति में कोई उम्मीद कैसे लगा सकते हैं ? यही असली चेहरा है फिल्मी दुनिया का कि या रेव पार्टी या फिर गंदी फिल्मों का निर्माण/प्रसार ।
दूसरी ओर इसी धरती और आसमान के बीच किसान हैं , लखीमपुर खीरी है और आठ आठ लोगों की जानें चली गयी हैं लेकिन वहां विपक्ष नहीं जा सकता । प्रियंका गांधी और अखिलेश वहां फटक न सकें , इसके भारी बंदोबस्त किये गये हैं और रटी रटायी उत्तर प्रदेश सरकार कह रही है कि इसे पिकनिक स्पाॅट न बनाइये । क्यों ? एक मंत्री के बेटे पर आरोप है कि गाड़ी प्रदर्शनकारी किसानों पर चढ़ा दी जिस प्रकार किसानों की जानें गयीं । हिंसक किसानों ने चार लोगों की जान ले लीं और गाड़ियों को आग लगा दी या पलट दीं । इस हिंसा के बाद विपक्ष वहां जा न पाये विरोध दर्ज करवाने । यह मुख्यमंत्री योगी का पुराना फ़ंडा है । गोरखपुर कांड के समय भी यही कहा गया था कि इसे पिकनिक स्पाॅट न बनाइए और अब भी यही बात कही जा रही है । बेशर्म गोदी मीडिया मंत्री पुत्र को निर्दोष साबित करने में जुट गया है । वैसे ही जैसे बिका हुआ मीडिया शाहरुख के बेटे आर्यन को बचाने में अपनी भूमिका निभाता दिख रहा है ।
नीचे धरती, ऊपर आसमान और बीच में हमारे हरियाणा के मुख्यमंत्री का किसानों पर दिया बयान भी खूब वायरल हो रहा है जिसमें वे कार्यकर्त्ताओं का आह्वान कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारी किसानों को जैसे का तैसा जवाब दो । ठा ल्यो डंडा । अब बताइए सारी हमदर्दी सामने आ गयी कि नहीं ? तभी किसान को धान बेचने के लिए भी सभी सत्ताधारी नेताओं के आवास घेरने पड़े । तब जाकर धान खरीद की तिथियां घोषित हुईं । फिर गन्ने की कीमत का ढोल किस लिए पीट रहे हो ?
नीचे धरती , ऊपर आसमान
किसान की पुकार सुन ले भगवान् ...
कहीं से प्रकट हो जाओ
धरती फाड़कर या
आसमान से कूद कर ...
जैसे अपने हरियाणे के चौधरी वीरेंद्र सिंह को आस है पर खामोश बैठे हैं ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।