लॉक्डाउन से पंजाब की अर्थव्यवस्था को 15 दिन में होगा 18 हज़ार करोड़ का नुक़सान
व्यापार मंडल ने की सरकार से राहत देने की माँग
लुधियाना: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ महामंत्री सुनील मेहरा एवंम् समीर जैन ने बताया की पंजाब की अर्थव्यवस्था को 15 दिन में 18 हज़ार करोड़ के नुक़सान होने की संभावना है जो राज्य की वित्तीय हालत को देखते हुए एक गंभीर समस्या है ।ग़ैरज़रूरी व्यापारिक गतिविधियाँ 15 दिनों तक बंद रखने का जो एलान राज्य सरकार ने किया है उसके लिए राज्य सरकार को राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए । शराब; मीट ; फल सब्ज़ी; मोबाइल रिपेयर; दुध; ब्रेड की दुकानों को खोलने के निर्देश दिये गए हैं परन्तु ग़ैरज़रूरी वस्तुओं का व्यापार करने वाले जैसे कपड़ा ; बर्तन; स्टेशनरी; हॉर्ड्वेर ; स्पेयर पार्ट्स इत्यादि का व्यापार करने वाले पहले से ही मंदी की मार झेल रहे हैं। ऐसे में उन पर 15 दिनों का अकस्मात् बंद व्यापार की रीढ़ तोड़ देगा। बंद दुकानों के कारण जहां क़ानून एवंम् व्यवस्था; बेरोज़गारी की समस्या उत्पन्न होगी वहीं व्यापारी को अपनी रोज़ी के लिए असहाय होना पड़ेगा । पिछला लॉक्डाउन सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को सही करने के लिए किया गया था। परन्तु आज न हॉस्पिटल में बेड हैं; न दवाइयाँ; न ऑक्सिजन हैं फिर सरकार बताये कि व्यापारियों ने जो पिछले लॉक्डाउन में इतना भारी नुक़सान उठाया उसका धरातल पर क्या असर हुआ । सरकार अपनी नाकामी के लिए हर बार व्यापारियों को कुचलना बंद करे तथा नागरिकों के मौलिक अधिकार जो संविधान के आर्टिकल 19 (1) जी में राइट टू प्रफ़ेशन दिया गया हैं उसकी पालना करें अन्यथा हरजाना भरें । व्यापारी आज अगर अपनी दुकान पर करोना मापदंडो का पालन कर माल बेचता है तो ग़लत। वहीं ऑनलाइन कम्पनीज़ को व्यापार करने की छूट देना कहाँ तक उचित है जो घर-घर संक्रमण फैलने का ख़तरा बढ़ा रहीं हैं ।
व्यापारी समझता है कि आज करोना संकट सरकार की लापरवाही; अव्यवस्था एवंम् लचर चिकित्सा व्यवस्था के कारण इतनी बड़ी महामारी बन चुका है जो हमारे स्वास्थ्य एवंम् संपदा को निगलता जा रहा है तथा सरकार के पास व्यापारियों की दुकानें बंद करवाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं । कारख़ाने भी लॉक्डाउन में चलाना आसान नहीं; ब्रेक्डाउन में स्पेयर पार्ट नहीं मिलता; कच्चा माल नहीं मिलता; तैयार माल दुकानों पर बिक्री के लिए नहीं जा सकता। ऐसे में व्यापार दोहरी दुविधा में फँसता चला जा रहा है ।
पंजाब व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से व्यापारियों की निम्नलिखित समस्याएँ रखते हुए निम्नलिखित प्रश्न किये: बंद रही दुकानों के किराए की व्यवस्था कैसे करें व्यापारी? बैंकों को देने वाला ब्याज एवंम् मासिक किश्त की व्यवस्था कहाँ से लाए व्यापारी? कर्मचारियों को तनख़्वाह कैसे दी जाए? बंद दुकानों के बिजली बिल कैसे भरे व्यापारी? बंद दुकानों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा?
उन्होंने कहा कि व्यापारियों की मुश्किलों को देखते हुए व्यापार मंडल ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि लॉक्डाउन के उपरांत अगले 3 महीनों तक जीएसटी में 50 प्रतिशत तक की छूट, पिछले 3 महीने में व्यापारियों द्वारा किए गए खर्च की औसत के अनुसार 15 दिन के खर्च की राहत, बैंकों के ब्याज एवंम् सी सी लिमिट ( कैश क्रेडिट अकाउंट) के ब्याज में राहत, सी सी लिमिट में बैंकों द्वारा 10 प्रतिशत की स्वचालित बढ़त की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जानीं चाहिए ।
उनका कहना है कि मध्यम एवंम् छोटे वर्ग के व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देने के लिए सरकार के साथ हर आपदा में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है परन्तु आज इस वर्ग को राहत पैकेज दिया जाना चाहिए जो हर बार नज़रअंदाज़ कर दिया जाता हैं ।
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल से सुनील मेहरा ;समीर जैन; महेंद्र अग्रवाल;एस के वधवा; सुरेन्द्र दुग्गल ; रंजन अग्रवाल; परमींदर बहल ; दर्शन महाजन ; एल आर सोढी; अरविन्दर मक्कड़ ; प्रमोद गुप्ता (धुरी) ; ओ पी गुप्ता ; वरिंदर रत्न ; सुनील महाजन ; पवन गुज़रा ; जसविंदर सिंह ( प्रिन्स ) ; महेन्द्र अग्रवाल ; नरेश अरोड़ा ; यश महाजन; राकेश गुप्ता ; गुरचरन अरोड़ा ने सरकार से आग्रह किया है कि मंडल की सिफ़ारिशें तुरंत लागू कर उद्योग; कारोबारी एवंम् व्यापार को इस करोना वायरस के कारण हुए लॉक्डाउन से उत्पन्न नुक़सान से उबरने में राहत दे ।व्यापारी नेताओं ने सरकार को आगाह भी किया कि उनकी माँगों पर शीघ्र संज्ञान लिया जाये।