हरियाणवी संस्कृति को अच्छी दिशा में ले जाने का प्रयास: नरेंद्र चहल
हरियाणवी संस्कृति को अच्छी दिशा में ले जाने का प्रयास रहता है । बाकी हरियाणवी कविता लिखता हूं और आकाशवाणी पर सन् 1999 से 'किसान वाणी' कार्यक्रम का प्रस्तोता हूं । यह कहना है जाट महाविद्यालय के हिंदी विभाग में प्राध्यापक डाॅ नरेंद्र चहल का ।
-कमलेश भारतीय
हरियाणवी संस्कृति को अच्छी दिशा में ले जाने का प्रयास रहता है । बाकी हरियाणवी कविता लिखता हूं और आकाशवाणी पर सन् 1999 से 'किसान वाणी' कार्यक्रम का प्रस्तोता हूं । यह कहना है जाट महाविद्यालय के हिंदी विभाग में प्राध्यापक डाॅ नरेंद्र चहल का । मूल रूप से गांव माढ़ा निवासी नरेंद्र चहल ने प्राइमरी तक गांव के स्कूल में ही पढ़ाई की तो मैट्रिक वेद हाई स्कूल , हिसार से और जमा दो गवर्नमेंट काॅलेज तो ग्रेजुएशन से एम ए जाट काॅलेज से । एम फिल और पीएचडी मद्रास विश्विद्यालय से की । कुल पांच विषयों में स्नातकोत्तर हूं ।
-काॅलेज के दौरान क्या शौक रहे ?
-खिलाड़ी रहा -कुश्ती व एथलेटिक्स में । कुश्ती नेशनल स्तर तक गया तो एथलेटिक्स विश्विद्यालय स्तर तक । पाच हजार व दस हजार मीटर दौड़ और जेवेलियन थ्रो ।
-आकाशवाणी में कब से ?
-सन् 1999 से लेकर अब तक 'किसान वाणी' कार्यक्रम का प्रस्तोता ।
-पुरस्कार ?
-कुरूक्षेत्र विश्विद्यालय के युवा समारोह में हरियाणवी चुटकुले व कविता पाठ में प्रथम और आप भी निर्णायक हुआ करते थे । हरियाणवी स्किट में श्रेष्ठ अभिनेता भी रहा । राज्यपाल बाबू परमानन्द द्वारा हरियाणा दिवस पर सम्मानित ।
-फिल्म में भी काम किया ?
-जी । पंजाबी फिल्म वेख बरातां चलियां में पुलिस इंस्पेक्टर को भूमिका निभाई ।
-जाट काॅलेज में कब से ?
-सन् 2016 से । इस काॅलेज में रहते चौदह बार रक्तदान किया और कौल बाइस बार रक्तदान कर चुका हूं ।
-अब क्या लक्ष्य ?
-हरियाणवी संस्कृति को सही दिशा में ले जाने की कोशिश करता रहूंगा ।।
हमारी शुभकामनाएं डाॅ नरेंद्र चहल को ।