इलैक्ट्राल बांड्स स्कीम नहीं, स्कैम है: हेमंत अत्री
रोहतक, गिरीश सैनी। स्वस्थ तथा प्रभावी लोकतंत्र के लिए सभी प्रतिभागियों के लिए बराबरी का मैदान (लेवल प्लेयिंग फील्ड) का होना ज़रूरी है। साथ ही कारपोरेट-राजनीतिक दलों के फंडिंग वाला मसला पारदर्शी होना चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र लोकतंत्र नहीं, 'ओलीगार्की' बनकर रह जाएगा। 'इलैक्ट्राल बांड्स स्कीम नहीं, स्कैम है' - ये विचार प्रतिष्ठित पत्रकार तथा पूर्व सूचना आयुक्त हरियाणा हेमंत अत्री ने रविवार को रोहतक में डेमोक्रेटिक फोरम द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में साझा किए। हेमंत अत्री ने "चुनावों का वित्त पोषण और भारत में लोकतंत्र की स्थिति" विषय पर अपने विचार रखे।
हेमंत अत्री ने कहा कि ये शर्म निरपेक्षता का ऐसा दौर है जहां भ्रष्टाचार तथा इलैक्ट्राल बांड्स के ज़रिए अनधिकृत धन का परिचालन किया जा रहा है। उन्होंने टिप्पणी की कि "किसी के खाते सील हैं, किसी के नेता, तो किसी की सांसें।" लोकतंत्र महज चुनावी लोकतंत्र नहीं, लोकतंत्र एक जीवन शैली है, विचारधारा है। लोकतंत्र को कुलीन राजतंत्र में बदलने, तथा नागरिकों को प्रजा में बदलने के प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में सामूहिकता के साथ लोकतंत्र विरोधी ताकतों का सामना सजग नागरिकों को करना होगा। मीडिया को लैप डॉग के बजाय वॉच डॉग बनना होगा, ऐसा उनका मानना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक तथा सेवानिवृत्त प्राचार्य डा. महावीर शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में नागरिक भागीदारिता अहम है। स्वागत भाषण तथा कार्यक्रम के उद्देश्य बारे डेमोक्रेटिक फोरम सचिव डा. धर्मबीर भारद्वाज ने बताया। आभार प्रदर्शन डेमोक्रेटिक फोरम अध्यक्ष सेवानिवृत्त प्रोफेसर, अर्थशास्त्री डा. सुरेंद्र कुमार ने किया।
कार्यक्रम में सवाल-जवाब सत्र आयोजित किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने सवाल रखे तथा विषय पर टिप्पणी की। आमंत्रित वक्ता हेमंत अत्री ने जवाब दिए। उपस्थित जन ने लोकतंत्र, लोकतांत्रिक प्रक्रिया तथा लोकतांत्रिक संस्थानों के सुदृढ़ीकरण के लिए जनमानस तक लोकतंत्र का संदेश पहुँचाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। रोहतक के लोकतांत्रिक सरोकारों के प्रति उन्मुख नागरिक कार्यक्रम में शामिल हुए।