महम चौबीसी की चुनावी शतरंज।

समाजसेवी कुंडू, खिलाड़ी दीपक और दांगी पुत्र के त्रिकोण को भेदने में जुटी इकलौती महिला प्रत्याशी।  

महम चौबीसी की चुनावी शतरंज।

रोहतक, गिरीश सैनी। 1990 में उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के चलते देश-विदेश में चर्चित हुए महम विधानसभा क्षेत्र में चुनावी पारा अपने चरम पर है। सामाजिक सद्भाव के लिए महम चौबीसी का ऐतिहासिक चबूतरा ख्याति प्राप्त है। 1 नवंबर 1966 को हरियाणा बनने के बाद 1967 में हुए पहले आम चुनाव में महम से पहला विधायक चुने जाने का श्रेय प्रो महा सिंह को जाता है, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था। देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल भी तीन बार महम से विधायक चुने गए।
हरियाणा विधानसभा के लिए आगामी 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव-2024 के लिए सजी चुनावी बिसात में जहां भारतीय जनता पार्टी ने कबड्डी खिलाड़ी दीपक निवास हुड्डा पर अपना दांव खेला है। वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास सिपहसालार माने जाने वाले पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी परिवारवाद के आरोपों के बावजूद अपने पुत्र बलराम दांगी को कांग्रेस की टिकट दिलाने में कामयाब हुए।
निवर्तमान विधायक बलराज सिंह कुंडू हरियाणा जन सेवक पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दोबारा महम से चुनावी मैदान में कमर कसकर उतरे हैं। वहीं अबकी बार टिकट न मिलने पर भाजपा से बागी हुए शमशेर खरकड़ा ने अपनी पत्नी राधा अहलावत को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है। दो बार इंडियन नेशनल लोकदल से विधायक रहे बलबीर सिंह बाली के अलावा आम आदमी पार्टी से विकास नेहरा भी महम के चुनावी मैदान में है। नामांकन वापसी के बाद बचे कुल 19 उम्मीदवारों में से 18 पुरुष व एक महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में है।  
भाजपा प्रत्याशी दीपक निवास हुड्डा केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार की जनहित योजनाओं और विकास कार्यों के आधार पर अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। राज्य की भाजपा सरकार द्वारा बिना पर्ची-खर्ची के दी गई नौकरियों और बिना भेदभाव पूरे प्रदेश के विकास के मुद्दे को भुनाने की कोशिश में भाजपा प्रत्याशी लगे हैं। वहीं निवर्तमान विधायक व हजपा प्रत्याशी बलराज सिंह कुंडू अपने समाज सेवा के कार्यों, खास तौर पर बेटियों की शिक्षा के लिए किए गए योगदान के आधार पर अपने लिए वोट मांग रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार बलराम दांगी चार बार विधायक रहे अपने पिता आनंद सिंह दांगी के साथ इलाके की चौधर के नाम पर जनता के बीच जा रहे हैं। दांगी पिता-पुत्र की असली ताकत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। वहीं तीन बार चुनावी रण में किस्मत आजमाने उतरे लेकिन विफल रहे शमशेर खरकड़ा ने भाजपा की टिकट न मिलने पर बागी तेवर अपनाए और अब निर्दलीय चुनाव लड़ रही अपनी पत्नी राधा अहलावत के लिए चौबीसी के इलाके में वोट मांग रहे हैं।
हालांकि ये अभी भविष्य के गर्भ में है कि चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा, लेकिन सभी प्रमुख प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर दावा कर रहे हैं।

2019 में लगभग 12000 मतों से कुंडू ने पछाड़ा था दांगी को।
2019 के विधानसभा चुनाव में 49418 वोट लेने वाले निर्दलीय प्रत्याशी बलराज कुंडू के सिर विधायकी का ताज सजा था। कुंडू ने इससे पहले जीत की हैट्रिक लगा चुके कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी के विजयी रथ को रोका था। दांगी को इस चुनाव में 37371 मत मिले थे। वहीं भाजपा प्रत्याशी शमशेर खरकड़ा 36106 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
महम के चुनावी रण में वर्तमान में मुख्य तौर पर बलराज सिंह कुंडू, दीपक निवास हुड्डा और बलराम दांगी के बीच मुकाबला है, जिनके चुनावी त्रिकोण को लगातार भेदने की कोशिश निर्दलीय राधा अहलावत कर रही हैं।
 

राजनीतिक विश्लेषक और महम विधानसभा के गांव अजायब निवासी सेवक सिंह सहरावत कहते हैं कि निवर्तमान विधायक कुंडू ने लगभग एक दशक से महम क्षेत्र की छात्राओं के शहर जाकर पढ़ने के लिए निशुल्क बस की सुविधा प्रदान कर रखी है। जिससे इस ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों की उच्च शिक्षा सुरक्षित व सुविधाजनक तरीके से पूरी हो रही है। सेवक सिंह का कहना है कि इस चुनाव में लोग दल की बजाय प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि व उसके द्वारा क्षेत्र में कराए गए कामों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

 

महम में 1.99 लाख वोटर, 217 मतदान केंद्र बनाए गए।
जिला चुनाव अधिकारी द्वारा प्रदत्त आँकड़ों के अनुसार महम विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 99 हजार 301 मतदाता हैं। इन मतदाताओं में से एक लाख 6 हजार 293 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 93 हजार 8 महिला मतदाता हैं। ये मतदाता महम विधानसभा क्षेत्र में स्थापित किए गए 217 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।