नेत्रदान जीवन के अंतिम पड़ाव का महायज्ञः डॉ दिनेश शर्मा
एमडीयू में नेत्रदान जागरूकता सेमिनार आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में चल रहे एनसीसी के संयुक्त प्रशिक्षण कैंप में कुलपति प्रो राजबीर सिंह के जन्मदिन के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा नेत्रदान जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य नेत्र अधिकारी डॉ दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इस जागरूकता कार्यशाला में विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के लगभग 450 कैडेट्स ने भाग लिया।
डॉ दिनेश शर्मा ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा मनाने के बाद भी हमारे देश में इसके प्रति जागरूकता बहुत कम है। अभी भी बहुत से नेत्रहीन लंबे समय से कॉर्निया के इंतज़ार में बैठे हुए हैं। नेत्रदान के प्रति पूर्ण जानकारी ना होने का कारण इसके प्रति समाज में भ्रांतियां व्याप्त हैं जिनका निवारण अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि विभाग लगातार अधिक से अधिक लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने उपस्थित दन को नेत्रदान क्यों जरूरी है, कहां किया जाता है, कौन कर सकता है, स्वयं, परिवार, पड़ोसी, समाजसेवी, मेडिकल टीम और सरकार किस रूप में मदद करती है, के बारे में जानकारी दी।
डॉ शर्मा ने बताया कि कॉर्निया से अंधता प्राप्त व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान करना हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने नेत्रदान को जीवन के अंतिम पड़ाव का महायज्ञ बताते हुए कहा कि मृत्यु के उपरान्त जीवन की परिकल्पना हमें रोमांचित कर देती है और नेत्रदान के माध्यम से हम मृत्यु के बाद भी अपनी आंखों के माध्यम से जीवित रह सकते हैं। इस सेमिनार में कुलपति कार्यालय से डॉ राजीव शर्मा, डॉ अश्विनी वशिष्ट, जगत सिंह, सूबेदार दलवीर सिंह सहित एनसीसी अधिकारी एवं एमडीयू कर्मचारी मौजूद रहे।