पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार, दूसरों के लिए करें गुहार
-*कमलेश भारतीय
यह राजनीति भी जो न कराये वही कम है। अब हरियाणा में देखिये न कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार लोकसभा टिकट से वंचित रहने के बाद दूसरों के लिए वोट की गुहार लगाते दिख रहे हैं । है न कमाल-धमाल ? इसीलिए तो कहा कि राजनीति जो न करवाये, वही कम है । कभी चौ भजनलाल हरियाणा की राजनीति के चाणक्य कहे जाते थे और जो वे कहते थे, वही सही माना जाता था लेकिन अब समय बदल गया । दोनों बेटों ने अलग अलग दलों से लोकसभा चुनाव में टिकट मांगे लेकिन दोनों खाली हाथ रहे, किसी के हाथ भी कमल नहीं लगा । बड़े भाई चंद्रमोहन, कभी चांद मोहम्मद, कांग्रेस हाईकमान से वाया एक दिग्गज नेत्री हिसार से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे । ऐसी हवा भी बनाई गयी कि यदि हिसार से चंद्रमोहन को कांग्रेस टिकट देती है तो गैर जाट होने के चलते वे आसानी से जीत दर्ज कर सकते हैं लेकिन हाईकमान ने नहीं सुनी कोई दलील और आजकल वे सिरसा में सुश्री सैलजा के लिए वोट मांग रहे हैं । राजनीति जो न करवाये, सो कम है, भाई ।
अब छोटे भाई कुलदीप बिश्नोई को ही ले लो, बड़े अरमान से भाजपा हाईकमान से हिसार के लिए टिकट मांगा था यह सोचकर कि बेटा भव्य राज्य की तो मैं केंद्र की राजनीति करूंगा पर दिल के अरमां आंसुओं में बह गये, ये वफा करके भी टिकट से वंचित रह गये । टिकट नहीं मिला तो एक बार तो रूठ गये और भाजपा प्रत्याशी चौ रणजीत चौटाला के आदमपुर के प्रचार में यह कहकर नही आये कि सलाह करके प्रोग्राम नहीं रखे । अब यह कांग्रेस नहीं कि आप बयान देकर और डंके की चोट राज्यसभा में विरोध में वोट डाल दो, यह भाजपा है, जिसका डंडा बड़ा चुपचाप काम करता है और आखिर आदमपुर में चौ रणजीत चौटाला के लिए जनसभा रखनी पड़ी, जिसमें पिता पुत्र दोनों आये और भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे। इन दिनों भव्य बिश्नोई गांव गांव प्रोग्राम बना कर भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं ।
ज़रा भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र की ओर आ जाइये । अपनी बेटी श्रुति के लिए मां व पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने दिल्ली में हाईकमान के यहां डेरा डाले रखा, एसआरके गुट ने भी दुहाई दी लेकिन टिकट राव दान सिंह के हाथ लग गया और पहले कार्यकर्ताओं की बैठक में अपना असंतोष व्यक्त किया और फिर शांत होकर राव दान सिंह का साथ देने चल पड़ीं । कभी भिवानी में चौ बंसीलाल के बिना पत्ता नहीं हिलता था और आज बंसीलाल का परिवार राव दान सिंह के लिए वोट मांग रहा है। यह राजनीति है भैया, जो न करना पड़े, वह कम है ।
सबसे ज्यादा चक्कर में तो चौ देवीलाल का परिवार है जो एक दूसरे के विरोध में ही वोट मांग रहा है । हिसार में रोचक स्थिति है - न केवल ससुर बल्कि दो दो बहुएँ एक दूसरे के सामने खड़े हैं और एक दूसरे को ललकार रहे हैं । एक ही गांव में कभी ससुर पहले जाते हैं तो कभी बहू और पीछे पीछे तीसरा सदस्य पहुच जाता है । चौ देवीलाल ने कभी यह न सोचा होगा कि मेरा परिवार इतना बिखर जायेगा और मेरी नीतियों को भूल कर आपस में ही बुरी तरह उलझ जायेगा !
भैया, यह राजनीति है, जो न करवा दे, कम है ।
देख भाई देख राजनीति के रंग
इन रंगों को देख, तू रह जायेगा दंग!
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी