समाचार विश्लेषण/किसान और धान
-*कमलेश भारतीय
किसान आंदोलन और भारत बंद के बाद से राकेश टिकैत ने कहा कि उन लोगों के मुंह बंद कर दिये जो कहते थे कि किसान आंदोलन पंजाब , हरियाणा व राजस्थान में ही है । किसान आंदोलन का असर आने वाले विधानसभा चुनावों में देखने को मिलेगा । इसी डर की वजह से तो कैप्टन अमरेंद्र सिंह भाजपा में शामिल न हो पाये । द्वार पर जाकर लौट आए । यही कारण है कि दूसरी प्लाॅन लागू की जा रही है कि पंजाब में कांग्रेस सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए बुला कर राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश की जाये । अपने शाह के पास कमी नहीं प्लाॅन की । फिर कैप्टन अमरेंद्र सिंह से अलग पार्टी बनकर भाजपा के लोगों को , चहेतों को टिकट दिये जायेंगे । इस तरह इसे प्लाॅन सी भी कह सकते हो ।
पर किसान का क्या ? उसका तो धान खरीदने का कोई सिस्टम नहीं बनाया । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों व कमेरे वर्ग से मुंह मोड़ लिया । धान की सरकारी खरीद के अभाव में किसान प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लूट रहे हैं या लुटने को मजबूर हैं । अभय चौटाला भी कह रहे हैं कि अन्नदाता की बेकद्री की जा रही है । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी रास्ते खुलवाने के लिए अमित शाह से मिलने जायेंगे । धान की खरीद प्राथमिकता नहीं है ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।