प्रदेश के किसान नहीं भूले है पांच-पाच रुपये के चैक, जमीनों की लूटपाट: सांसद डॉ अरविंद शर्मा
रोहतक, गिरीश सैनी। सांसद डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार में मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया जाता था, लेकिन अब किसानों को किसी प्रकार की चिंता करने की जरुरत नहीं है। भाजपा सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने किसानों की जमीनों को औने-पौने दामों में जबरन अधिग्रहण करके उच्च घरानों के सौंपी है, आज वह नेता अपने-आप को किसानों का हितैषी बता रहें है, उन्हें शर्म आनी चाहिए।
शुक्रवार को सांसद ने जिले में कई कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए कहा कि 2014 के बाद जब से मोदी की सरकार आई है किसानों की दिशा और दशा सुधरने लगी है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उस समय में मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया जाता था, जिसमें सौ से 150 रुपये तक मुआवजे के तौर पर दिए जाते थे और पांच-पांच रुपये के चैक प्रदेश के किसान नहीं भूल सकते है। लेकिन आज किसानों की फसल खराब होने पर उन्हें भरपूर मुआवजा दिया जा रहा है। मंडियों में किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जा रही है। इसके साथ किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों के खाते में किसानों के सम्मान में राशि डाली जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नेतृत्व में देश और प्रदेश की सरकार हर वर्ग का भला करने की दिशा में अग्रसर हैं। सरकार की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। सरकार जनता से जो वायदा करती है, उसे पूरा करके दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की जनता के सहयोग से देश विकास की नई डगर पर चल रहा है। सरकार द्वारा दी जाने वाली तमाम रियायतों व सब्सिडी को सीधे लोगों के खातों में डिजिटल माध्यम से पहुंचाने के लिए व्यवस्था की गई हैं।
सांसद अरविंद शर्मा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में तीसरी बार भी भाजपा की सरकार बनेगी। आज प्रदेश की जनता को कांग्रेस की नीयत का पता चल गया है, कांग्रेस को जनता से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी चाहिए। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर, रोहतक लोकसभा प्रभारी अरविंद यादव, मेयर मनमोहन गोयल, शमशेर खरकड़ा, नरेंद्र खट्टर, पूर्व मंत्री कांता देवी, राजकुमार शर्मा सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।