लघुकथा : फीता और जेब
-क्या बात है ? बडी जल्दी में लग रहे हो ?
-हां , एक जगह उद्घाटन करवाने जाना है ।
-यार , उद्घाटन ही करवाने में लगे रहते हो । कोई काम धंधा क्यों नहीं करते ?
-अरे , बेवकूफ । इससे बढिया काम धंधा कौन सा है ?
-वो कैसे ? मैं समझा नहीं ?
-उद्घाटन करने वाले रंगीन फीता काटते हैं और हम उनकी जेब ।
-कमलेश भारतीय