ललित कला सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम हैः सुनित मुखर्जी

रेखाओं-रंगों-सृजनात्मकता का पर्व रंग-सृजन संपन्न।

ललित कला सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम हैः सुनित मुखर्जी

रोहतक, गिरीश सैनी। सृजनशीलता के विविध रंग समेटे, विद्यार्थियों की रचनात्मकता को सशक्त मंच प्रदान करते हुए, रेखाओं-रंगों-सृजनात्मकता का पर्व रंग-सृजन मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में संपन्न हो गया।

एमडीयू के रंग महोत्सव मेगा इवेंट के तहत ललित कला संबंधित इवेंट रंग सृजन 11-12 मार्च को विजुअल आर्ट्स विभाग के तत्वावधान में छात्र कल्याण कार्यालय के सहयोग से आयोजित किया गया।

रंग सृजन के संयोजक तथा विजुअल आर्ट्स विभाग के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि इस दो दिवसीय रंग सृजन इवेंट में विद्यार्थियों ने पेंटिंग, प्लास्टर ऑफ पेरिस कार्विंग, प्रिंट मेकिंग तथा फोटोग्राफी में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने वॉल पेंटिंग, मुराल वर्क रचनाएं भी की। विजुअल आर्ट्स विभाग परिसर को प्रतिभागी विद्यार्थियों ने खूबसूरती के साथ सजाया। विद्यार्थियों ने क्रिएटिव आर्ट्स प्रोडक्ट्स तथा कैरी कैचर आदि के स्टॉल लगाए तथा कला-उद्यमिता का परिचय दिया।

समापन सत्र में निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने कहा कि ललित कला के जरिए सकारात्मक सामाजिक संदेश दिया जा सकता है। यह सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभिव्यक्ति का भी सशक्त माध्यम है। सुनित मुखर्जी ने आर्ट ऑफ सोशल चेंज का संदेश विद्यार्थियों को दिया।

विभागाध्यक्ष संजय कुमार ने कुलपति प्रो. राजबीर सिंह तथा डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा का रंग सृजन आयोजन संरक्षण के लिए आभार जताया। निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने कहा कि जीवन-रंगों के बगैर अधूरा है। रंग जीवन को अर्थ देते हैं, जीवन को जीवंत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में रंग सृजन राष्ट्रीय स्तर तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति बनाएगा।

इस दौरान सहायक निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी, समन्वयक यूनिवर्सिटी आउटरीच डा. सुरेन्द्र सिंह यादव, विजुअल आर्ट्स विभाग के प्राध्यापक डा. अंजलि दूहन, डा. राजेश, विभाग के शोधार्थी, विद्यार्थी, मडूटा प्रधान डा. विकास सिवाच, एमडीयू गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार, पीआरओ पंकज नैन, प्रतिभागी विद्यार्थी तथा कला प्रेमी आदि मौजूद रहे।