मत्स्य पालन किसानों व पंचायतों के लिए लाभकारी व्यवसायः उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा
मत्स्य पालन के प्रति जागरूक करने के लिए 30 अप्रैल तक मनाया जा रहा है जागरूकता पखवाड़ा।

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। मत्स्य पालन किसानों व पंचायतों दोनों के लिए लाभकारी है। सरकार की ओर से पट्टा राशि से लेकर वाहन खरीदने पर अनुदान प्रदान किया जाता है। मत्स्य पालन विभाग की ओर से किसानों को मत्स्य पालन अपनाने के लिए जागरूक करने हेतु 15 से 30 अप्रैल तक मत्स्य पालन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत ग्राम पंचायतों को भी तालाब पट्टे पर देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि अभियान के दौरान बरसात के सीजन में मछलियों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जानकारी दी जाएगी। इसके तहत सरकार कोल्ड स्टोरेज के आधुनिकीकरण के लिए 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। मछली पालन के व्यवसाय में काम आने वाली वस्तुओं की खरीद में वित्तीय सहायता के साथ-साथ अनुदान का प्रावधान भी है। इंटेन्सिव फिशरीज स्कीम के तहत तालाबों के सुधार व नवीनीकरण प्रति हेक्टेयर 2 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। तालाब के पास सोलर सिस्टम लगाने के लिए सरकार 75 फीसदी तक अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। योजना के प्रावधान अनुसार सामान्य वर्ग, महिलाओं और अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उपायुक्त ने बताया कि मछलियों को बाजार तक पहुंचाने के लिए कमर्शियल व्हीकल्स की खरीद पर भी 25 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ जाल खरीदने और मछलियों के खाद खुराक की खरीद पर भी सरकार अनुदान दे रही है। सरकार उन्हें तालाब की खुदाई से लेकर मछलियों का बीज तक उपलब्ध कराने के लिए अनुदान देती है। मत्स्य पालन का धंधा बंद करने की स्थिति में तालाब को पाटने के लिए सरकार राशि मुहैया कराती है। गांव के तालाबों को मत्स्य पालन के लिए पट्टे पर देने से पंचायतों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
जिला मत्स्य अधिकारी आशा हुड्डा ने बताया कि मछली पालन ऐसा व्यवसाय है, जिससे महिलाएं भी अपनी आमदनी बढ़ा सकती है। जिला में मछली पालन के लिए प्रयोग किए जा रहे तालाबों से संबंधित गांवों के लोगों को जागरूक करने के लिए खंड स्तर पर अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसके लिए खंड अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।